नाबालिक लड़की को परेशान करने के मामले में पुलिस की नाक में दम करने वाले आरोपी संस्कार मित्तल को पुलिस ने घर से दबोचा, लगातार पुलिस की दबिश से पहले चूहा की तरह छिपने वाले आरोपी आखिरकार पुलिस के गिरफ्त में

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- पांच राज्यों के चुनाव पश्चात मन्त्रिमण्डल में फेरबदल सम्भव! दक्षिणापथ डेस्क/ रायपुर। छत्तीसगढ़ के गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू अब अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ के अध्यक्ष पद से हट गए हैं। उनकी जगह कैप्टन अजय यादव को जिम्मेदारी दी गई हैं। इधर बताया गया कि उन्होंने स्वयं इस्तीफा दिया है, पर अंदरखाने के सूत्र कहते हैं कि कांग्रेस हाई कमान ने उनसे इस्तीफा मांगा है। दरअसल उनका परफॉर्मेंस कमजोर रहा और पार्टी हाई कमान की उम्मीदों पर वे खरा नही उतरे। एक समय था जब छत्तीसगढ़ राज्य में वे कांग्रेस के इकलौते सांसद थे, तब उनकी क्षमता पर भरोसा करते हुए कांग्रेस हाई कमान ने उन्हें पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ का राष्ट्रीय अध्यक्ष नियुक्त किया था। यह महती जिम्मेदारी थी, जिसे वे निभा न सके। उत्तरप्रदेश चुनाव के वक़्त उनसे इस्तीफा लिए जाने के विविध अंदरूनी कारण हैं। राजनीतिक सूत्र बताते हैं कि पांच राज्यो के विधानसभा चुनाव के बाद छत्तीसगढ़ के मंत्रिमंडल में भी फेरबदल होने की गुंजाइश है। सम्भव है ताम्रध्वज साहू की जगह वरिष्ठ विधायक धनेंद्र साहू ले लें। राजनीतिक गलियारों में चर्चा जोरों पर है कि छत्तीसगढ़ में भूपेश सरकार के आने के बाद के इन सालों में करप्शन की जो शिकायत दिल्ली तक पहुंची है, उसके केंद्र में यही ताम्रध्वज साहू ही हैं। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल नही चाहते कि उनके सुशासन में करप्शन का घालमेल हो। किंतु गृहमंत्री के साथ पीडब्ल्यूडी मंत्री रहते हुए ताम्रध्वज साहू ने ऐसा होने ही नही दिया, बल्कि भ्रष्टाचारी तत्वों को जानबूझकर सरंक्षण दिया। जो व्यक्ति किसी समय छत्तीसगढ़ राज्य का मुख्यमंत्री का प्रबल दावेदार रहा, वह ऐसा अनीतिपूर्ण कार्यशैली पर चले, और इसकी अनुगूँज कहीं सुनाई न पड़े, सूचना प्रौद्योगिकी के इस युग मे सम्भव नहीं। दिल्ली भी इससे बेखबर नहीं रहा। स्वयं मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अभी से अंदेशा जाहिर किया है कि यूपी चुनाव के बाद छत्तीसगढ़ में ईडी (प्रवर्तन निर्देशालय) की बड़ी छापेमार कार्यवाही सम्भव है, तो इसका भी इशारा वर्तमान गृहमंत्री की ओर हो सकता है। क्षेत्र में जोरो से चर्चा है कि पिछले साढे तीन सालों में गृहमंत्री ने अकूत धन संपत्ति इकट्ठा की है। पेट्रोल पंप, ईंट भट्ठे, माइंस, मकान, भू-संपत्ति,व कंपनी शेयर इसके गवाह हैं। बहरहाल, बात पिछड़ा मोर्चा अध्यक्ष पद से हटाए जाने की हो रही है। आज पिछड़े समाज के लिए स्वंय मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सबसे बड़ा राष्ट्रीय चेहरा बन चुके हैं। इसका मूल कारण उनकी लगन, ईमानदारी, जुझारूपन, पार्टी के प्रति एकनिष्ठ समर्पण व समाजहित के प्रति वृहद दृष्टिकोण है। बड़ा कार्य के लिए बड़ा लक्ष्य, और उसके पीछे बडा मनोभाव जरूरी है। गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू यहीं फेल खा गए। अपने भी नाराज गृहमंत्री रहते हुए ताम्रध्वज साहू अपनी समाज की भावनाओ को भी गच्चा दे गए। परिवार के आगे ज्यादा उन्होंने सोचा भी नही।बताते हैं कि आज सकल साहू समाज नाराज चल रहा है। समाज की अपनी उम्मीदों पर उन्हें सचेत रहना चाहिए था, पर हमें पता है कि वे कहां खो गए हैं। गृहमंत्री के रूप में ताम्रध्वज साहू बेहतर प्रशासन देने में नाकाम रहे है। राज्य में अपराध दर व अराजकता बढ़ी है। नक्सली घटनाओं मे भी इजाफा हुआ है। गृहमंत्री के रूप में कसा हुआ प्रशासन देने में स्वास्थ्यगत कारण भी आड़े आया है। यहां तक उनकी व्यक्तिगत रुचि भी घट गई है। मंत्रीमंडल में फेरबदल सम्भव 2023 के विधानसभा चुनाव के मद्देनजर राज्य के सभी क्षेत्रों को मंत्रिमंडल में सहभागिता देने का प्रयत्न होगा। दुर्ग सम्भाग से अभी छह मंत्री है। मुख्यमंत्री , गृहमंत्री व पीएचई मंत्री दुर्ग जिले से है। रायपुर, बस्तर व सरगुजा क्षेत्र को साधने के लिए रास्ते खोले जाएंगे। राजनीतिक पंडितो का अनुमान है, ताम्रध्वज साहू की जगह धनेंद्र साहू को मंत्री बना कर रायपुर सम्भाग का कोटा पूरा किया जा सकता है। इसी तरह महिला एवं बाल विकास मंत्री अनिला भेड़िया की जगह देहुति कर्मा या लक्ष्मी ध्रुव को अवसर दिया जा सकता है। चुनाव के पहले आम तौर पर सरकार में जरूरी फेरबदल किये जाने की परंपरा है।