मुख्य सड़क सौंदर्यीकरण मालवीय नगर चौक तक पहुंचा, जनता को जल्द मिलेगी धूल मुक्त सड़क की सौगात: वोरा

मुख्य सड़क सौंदर्यीकरण मालवीय नगर चौक तक पहुंचा, जनता को जल्द मिलेगी धूल मुक्त सड़क की सौगात: वोरा
भोपाल । मध्यप्रदेश में भाजपा हाईकमान ने सत्ता और संगठन के कामकाज और पब्लिक इमेज को लेकर गोपनीय सर्वेक्षण कराया है। सर्वे टीम ने राजधानी भोपाल सहित विभिन्न जिलों में पहुंचकर अलग-अलग समाज और टारगेट ग्रुप के बीच सरकार और संगठन के बारे में महत्वपूर्ण बिंदुओं पर इनपुट्स हालिए किए हैं। योजनाओं की मैदानी हकीकत का ब्यौरा भी जुटाया गया है। सर्वे की इस पूरी प्रक्रिया से संगठन और सरकार के लोगों को दूर रखा गया है। सर्वे की गोपनीय रिपोर्ट राष्ट्रीय नेतृत्व के पास भेज दी गई है। इससे सत्ता-संगठन में कौतुहल और हड़कंप की स्थिति भी है। दरअसल दूध की जली भाजपा अब मिशन 2023 को फतह करने छांछ भी फूंक-फूंक कर पीने की कवायद में जुटी है। प्रदेश में वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव के नतीजों में मामूली अंतर से भाजपा के हाथ से सत्ता फिसल गई थी। सरकार बनाने के लिए महज आधा दर्जन सीटें कम पड़ गई थीं। प्रदेश की सभी 230 सीटों पर चुनावी नतीजों के विश्लेषण में पार्टी को कई स्तर पर खामियां मिली थीं। यही कारण है कि इस बार मिशन 2023 के पहले सत्ता-संगठन के कामकाज और पब्लिक इमजे को लेकर भाजपा ज्यादा सतर्कता बरत रही है। सत्ता-संगठन के सभी दिग्गज और जनप्रतिनिधियों को अब चुनावी दृष्टि से अपने-अपने क्षेत्रों में सक्रियता बढ़ाने को कहा गया है। चुनावी रोडमैप के हिसाब सेे ही मंत्री-विधायकों का रिपेार्ट कार्ड भी तैयार कराया गया है। फैसलों से चौंकाएगी भाजपा : जाहिर है हाईकमान की गोपनीय सर्वे रिपोटर््स के विश्लेषण और चुनावी रणनीति के मद्देनजर कई चौंकाने वाले निर्णय सामने आएंगे। सत्ता-संगठन में बड़े फैसले दिखेंगे और विधानसभा की कई सीटों पर पार्टी नए चेहरों को चुनावी मैदान में उतारकर चौंकाएगी। क्योंकि 2018 में भाजपा ओवर कान्फिडेंस की शिकार हो गई थी। चुनाव में भारी-भरकम 75 फीसदी मतदान और कांग्रेस से करीब एक प्रतिशत ज्यादा वोट हासिल करने के बावजूद भाजपा के हाथ से सत्ता फिसल गई थी। तमाम प्रयासों के बावजूद भाजपा ने 109 और कांग्रेस ने 114 सीटों पर जीत हासिल की थी। भाजपा हाईकमान ने मिशन 2023 की पूर्व तैयारी बतौर प्रदेश इकाई को हर बूथ पर दस फीसदी वोट शेयर बढ़ाने का टारगेट सौंप दिया है। इसके अलावा अनुसूचित जनजाति और अनुसूचित जाति की सीटों पर हुए नुकसान की भरपाई के लिए भी रोडमैप पर काम शुरु करने को कहा गया है। अजजा सीटों पर 2013 की तुलना में भाजपा को भारी नुकसान उठाना पड़ा था। हार-जीत वाली ीटों पर क्षेत्रीय नेताओं को अभी से चुनावी तैयारियां शुरु करने की नसीहत दी गई है। उल्लेखनीय है कि 2018 में भाजपा को ट्राइबल की 47 रिजर्व सीट में से 16 ही मिली थी जबकि 2013 में उसने 31 सीटों पर कमल खिलाया था। 2008 में भी भाजपा को 29 सीटें मिली थीं।