रेमडेसिवीर की आवश्यकता हर कोरोना मरीज के लिए नहीं

रेमडेसिवीर की आवश्यकता हर कोरोना मरीज के लिए नहीं
दक्षिणापथ , दुर्ग। भारतीय जनता पार्टी के पूर्व जिला महामंत्री अजय तिवारी ने जेईई व नीट परीक्षा के मुद्दे पर कांग्रेस के रुख पर कड़ी आपत्ति जताते हुए इसे कांग्रेस के दोहरे राजनीतिक चरित्र का परिचायक बताया है। श्री तिवारी ने कहा कि सात विपक्षी राज्य सरकारों का जेईई-नीट परीक्षा के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट जाने का फैसला औचित्यहीन है क्योंकि इन राज्य सरकारों ने कोरोना संक्रमण की आड़ लेकर केंद्र सरकार के फैसले पर आपत्ति की है, जबकि कोरोना की रोकथाम के हर मोर्चे पर इन राज्य सरकारों ने अपनी उदासीनता का परिचय देकर कोरोना के ख़िलाफ़ जारी ज़ंग को कमज़ोर करने का काम किया है। श्री तिवारी ने कहा कि कोरोना की रोकथाम में अपनी विफलताओं से लोगों का ध्यान हटाने की गरज से कांग्रेस और उसके गठबंधन वाली राज्य सरकारें अब विद्यार्थियों के हितों व भविष्य के साथ खिलवाड़ करने पर आमादा है प्रदेश सरकार के मुख्यमंत्री समेत अनेक मंत्रियों द्वारा रखे गए जन्मदिन तथा दीगर तमाम सरकारी और राजनीतिक कार्यक्रमों में कोविड-19 की गाइडलाइन की धज्जियाँ उड़ाई गईं। इस प्रदेश सरकार ने न केवल शराब बेचने के लिए शराब के अड्डों पर मेले जैसा माहौल बनने दिया, अपितु खेती-किसानी के दिनों में यूरिया खाद की कालाबाजारी की अनदेखी करके हज़ारों किसानों को सड़क पर आंदोलन के लिए उतरने को विवश कर दिया! श्री तिवारी ने कहा कि यह प्रदेश सरकार कोरोना गाइडलाइन को लेकर ज़रा भी गंभीर नहीं है और अब वह केंद्र सरकार द्वारा आयोजित जेईई-नीट परीक्षा का विरोध केवल राजनीतिक विद्वेष की भावना से कर रही है। यह प्रदेश सरकार दोहरे चरित्र का प्रदर्शन है। इस मामले में छत्तीसगढ़ सरकार का रवैया तो नितांत आपत्तिजनक इसलिए भी है क्योंकि जो सरकार पूरे लॉकडाउन पीरियड में कोरोना की रोकथाम को लेकर केवल सियासी लफ़्फ़ाजी ही करती रही, शराब बेचने की ललक में इस प्रदेश सरकार ने लॉकडाउन पीरियड का भी ख़्याल नहीं किया, पूरे कोरोना काल में कोविड-19 की गाइडलाइन का उल्लंघन करती जो कांग्रेस सरकार नज़र आती रही है, वह अब विद्यार्थियों के भविष्य से खिलवाड़ करने के लिेए कोरोना की आड़ लेकर सुप्रीम कोर्ट जाने की बात कर रही है। श्री तिवारी ने करारा कटाक्ष करते हुए प्रदेश सरकार पर निशाना साधा कि यह प्रदेश सरकार शराब बेचे, यह प्रदेश सरकार जन्मदिन और त्योहारों के नाम पर जलसे करे, यह सरकार सीएम हाउस में तीजा-पोला मनाने और ढोल बजाने भीड़ इकठ्ठी करे तो कोरोना गाइडलाइन की सारी बंदिशें ताक पर रख दी जाती हैं और अब जबकि छात्रों के करियर और भविष्य की पढ़ाई के लिए परीक्षा आयोजित की जा रही है तो कांग्रेस को कोरोना के ख़तरे नज़र आने लगे हैं!