दक्षिणापथ, बेमेतरा। जिला अस्पताल में लगातार स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार व विशेषज्ञ चिकित्सकों की भर्ती हो रही है, जिससे जिलेवासियों को सस्ती और सुलभ स्वास्थ्य सुविधाएं मिलने लगी है जो कि अत्यंत हर्ष का विषय है। अब सप्ताह में हर दिन सोनोग्राफी विशेषज्ञ (रेडियोलाजिस्ट) जिला अस्पताल में उपलब्ध रहते हैं।
इस सम्बन्ध में रेडियोलॉजिस्ट डॉ. नील श्याम ठाकुर ने बताया, “सोनोग्राफी सुविधा से मरीजों को राहत मिल रही है। यहां गर्भवती महिलाओं की जांच, पेट की जांच तथा अन्य सभी तरह की सोनोग्राफी के लिए कलर डॉप्लर मशीन उपलब्ध है। सप्ताह में पहले 2 दिन ही जांच हो रही थी। जिससे मरीजों को निजी अस्पतालों में ज्यादा पैसे खर्च करने पड़ते थे। सरकारी अस्पताल में प्रतिदिन सस्ती दर पर सोनोग्राफी जांच उपलब्ध हो जाने की वजह से मरीजों को अब बहुत कम दामों पर इस सुविधा का लाभ मिलने लगा है इस कारण यहां मरीजों की संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। पहले जहां 10 से 15 टेस्ट केवल गर्भवती महिलाओं के होते थे, वहीं अब हर तरह के मरीजों के लिए सोनोग्राफी की जांच हो रही है।“
सिविल सर्जन अस्पताल अधीक्षक डॉ. वंदना भेले ने बताया, “गर्भवती महिलाओं के साथ यहां अन्य रोगों से संबंधित मरीज को मिलाकर लगभग प्रतिदिन 20-25 मरीज टेस्ट कराने के लिए पहुंच रहे हैं। जिला अस्पताल में सामान्य रोगों के लिए भी सोनोग्राफी टेस्ट की सुविधा शुरू होने से मुख्यालय के साथ ही जिले व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों से रेफर होने वाले मरीजों को भी इसका लाभ मिलना शुरू हो गया है। अस्पताल में जांच के लिए अब एक रेडियोलाजिस्ट चिकित्सक भी मौजूद रहते हैं।“
गर्भवती महिलाओं को हुयी सहूलियत
जिला अस्पताल में प्रतिदिन सोनोग्राफी की सुविधा उपलब्ध हो जाने से गर्भवती महिलाओं को काफी सहूलियत हो गयी है। पहले जहां उनको सप्ताह में दो दिनों में ही यह जांच कराना अनिवार्य था वहीं अब वह अपनी इच्छानुसार और सुविधानुसार सप्ताह में किसी दिन जांच करा सकती हैं। आमतौर पर गर्भवती महिलाओं का गर्भावस्था के 20वें सप्ताह के आसपास सोनोग्राफी कराई जाती है। इस सोनोग्राफी में विशेषज्ञ देखते हैं कि गर्भाशय में बच्चे का विकास ठीक से हो रहा है या नहीं। बच्चे के दिल की धड़कन, शरीर, हाथ और पैर की क्रियाशीलता को भी देखा जा सकता है। गर्भावस्था में कम से कम दो बार गर्भवती महिलाओं को सोनोग्राफी की सलाह दी जाती है। पहला 8 से 14 वें हफ्ते में और दूसरा 18वें और 21वें हफ्ते के बीच में यह जांच करायी जाती है।
150 रुपये है शुल्क
सोनोग्राफी जांच के लिए मरीज व उनके परिजनों को निजी लैब में सात सौ रुपये तक खर्च करना पड़ता था लेकिन सरकारी अस्पताल में यह सुविधा मात्र 150 रुपये में उपलब्ध हो गयी है । जिला अस्पताल में पहले यह सुविधा सप्ताह में मात्र दो दिन ही मिलती थी जिसकी वजह से मरीजों को शहर के निजी या तो दुर्ग- रायपुर के अस्पतालों में टेस्टिंग कराने के लिए जाना पड़ता था। जिला अस्पताल में सोनोग्राफी टेस्टिंग हर दिन होने से इसका सर्वाधिक लाभ जिले के ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाले गरीब तबके के मरीजों को मिल रहा है।
हिंदी प्रिंट मीडिया के साथ शुरू हुआ दक्षिणापथ समाचार पत्र का सफर आप सुधि पाठकों की मांग पर वेब पोर्टल तक पहुंच गया है। प्रेम व भरोसे का यह सफर इसी तरह नया मुकाम गढ़ता रहे, इसी उम्मीद में दक्षिणापथ सदा आपके संग है। सम्पूर्ण न्यायिक प्रकरणों के लिये न्यायालयीन क्षेत्र दुर्ग होगा।