ईडी मेश्राम ने बैठक लेकर की विभागीय कार्यो की समीक्षा

ईडी मेश्राम ने बैठक लेकर की विभागीय कार्यो की समीक्षा
दक्षिणापथ। आमतौर पर कोहनी में दर्द का कारण चोट को माना जाता है, लेकिन कुछ गतिविधियां और बीमारियां भी इस दर्द की वजह हो सकती हैं। कई लोग इस दर्द से राहत पाने के लिए पेनकिलर दवा का सेवन कर लेते हैं, लेकिन यह स्वास्थ्य के लिए सही नहीं है। आइए आज हम आपको कुछ ऐसे योगासनों के अभ्यास का तरीका बताते हैं, जो प्राकृतिक रूप से कोहनी के दर्द को दूर करने में मदद कर सकते हैं। कुंभकासनकुंभकासन के लिए पहले योगा मैट पर टेबलटॉप स्थिति में आ जाएं, फिर अपने एक पैर को पीछे की ओर करके पंजे को जमीन से सटा दें। इसी तरह दूसरे पैर को भी फैलाएं। अब अपने पैरों के पंजों और हाथों की हथेलियों पर पूरे शरीर का भार डालते हुए शरीर को ऊपर उठाने की कोशिश करें। इस दौरान कमर और गर्दन को बिल्कुल सीधा रखें और कुछ देर इसी अवस्था में बने रहने के बाद धीरे-धीरे सामान्य हो जाएं। अधोमुख श्वानासनअधोमुख श्वानासन के लिए पहले योगा मैट पर वज्रासन की मुद्रा में बैठें। अब सामने की तरफ झुकते हुए अपने हाथों को जमीन पर रखें और गहरी सांस लेते हुए कमर को ऊपर उठाएं। इस दौरान घुटनों को सीधा करके सामान्य रूप से सांस लेते रहें। इस योगासन में शरीर का पूरा भार हाथों और पैरों पर होना चाहिए और शरीर का आकार ङ्क जैसा नजर आना चाहिए। कुछ मिनट इसी अवस्था में रहने के बाद धीरे-धीरे सामान्य हो जाएं। कपोतासनकपोतासन के लिए पहले योगा मैट पर घुटने के बल खड़े हो जाएं, फिर अपने हाथों को सामने की ओर से ऊपर उठाकर शरीर को वक्र का आकार देते हुए पीछे की ओर ले जाएं और अपनी हथेलियों को जमीन पर रखें। अब इसी मुद्रा में रहते हुए अपने सिर को एडियों के बीच रखें। इसके बाद अपने दोनों हाथों से पैरों की एडियों को पकड़ें। अपनी क्षमतानुसार इस मुद्रा में बने रहने के बाद धीरे-धीरे सामान्य हो जाएं। बिटिलासनबिटिलासन के लिए पहले योगा मैट पर वज्रासन की मद्रा में बैठें, फिर आगे की ओर झुकते हुए दोनों हाथों को अपने आगे सीधे जमीन पर टिका लें। अब अपने कूल्हे को ऊपर की तरफ और पेट को जमीन की ओर दबाएं। इसके बाद सिर को उठाते हुए कुछ सेकंड सीधे या फिर आसमान की तरफ देखें। कुछ देर इस मुद्रा में बने रहने के बाद धीरे-धीरे वज्रासन की अवस्था में वापस आ जाएं और आसन छोड़ दें।