नई पीढ़ी को मिली डिजिटल क्लास रूम में पढऩे की सुविधा : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल

नई पीढ़ी को मिली डिजिटल क्लास रूम में पढऩे की सुविधा : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल

-दिशा की बैठक में सांसद विजय बघेल ने कहा
दक्षिणापथ, दुर्ग।
दिशा की बैठक मूल रूप से केंद्र सरकार की योजनाओं के क्रियान्वयन की स्थिति जानने के लिए और इसमें रचनात्मक सुझाव देने के लिए होती है। हर बार बैठक में जनप्रतिनिधियों की ओर से अहम सुझाव और फीडबैक आते हैं जिससे योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन में मदद मिलती है। यह बात दिशा की बैठक में सांसद विजय बघेल ने कही। सांसद श्री बघेल ने कहा कि बैठक में महत्वपूर्ण बिन्दु और फीडबैक सामने आते हैं। इनका निराकरण प्रभावी रूप से हो, यह सुनिश्चित करना है। इससे बैठक की सार्थकता होती है। आज बैठक में शिक्षा, स्वास्थ्य, ग्रामीण विकास जैसे अहम विषयों पर चर्चा हुई। बैठक में विधायक विद्यारतन भसीन, जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती शालिनी यादव सहित अन्य जनप्रतिनिधि उपस्थित थे। साथ ही कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे भी बैठक में मौजूद रहे। जिला पंचायत सीईओ सच्चिदानंद आलोक ने विस्तार से जिले में योजनाओं के क्रियान्वयन की स्थिति के बारे में जानकारी दी। मनरेगा के कार्यों के संबंध में अपनी बात रखते हुए सांसद ने कहा कि ग्रामीणजनों से जिस तरह के कार्यों की माँग आती है उसके अनुरूप कार्य कराएं। जलजीवन मिशन जैसी महत्वपूर्ण योजनाओं के क्रियान्वयन से ग्रामीण क्षेत्रों में शुद्ध पेयजल जैसी समस्या से लोगों को निजात मिल जाती है। इसका प्रमुखता से क्रियान्वयन करें एवं मानिटरिंग करते रहें। शहरी क्षेत्रों में स्वच्छता का विशेष ध्यान रखना है। कम्युनिटी टायलेट आदि के संबंध में विशेष देखभाल की जरूरत है जहां पर टूटफूट हुई हो, उसे ठीक कराएं। उन्होंने कोविड से मृत लोगों के परिजनों के संबंध में शासन के निर्देशों के मुताबिक प्रशासन द्वारा उठाये गये कदमों की जानकारी भी ली। बैठक में कलेक्टर ने बताया कि शासन के प्रावधानों के मुताबिक कार्रवाई की जा रही है और परिजनों से आवेदन मंगवाये जा रहे हैं। सांसद ने स्वास्थ्य विभाग में कोरोना की वजह से जान गंवाने वाले अधिकारियों-कर्मचारियों को मिले क्लेम के बारे में भी जानकारी ली। सीएमएचओ डॉ. गंभीर सिंह ठाकुर ने बताया कि कोरोना की वजह से जान गंवा चुके स्वास्थ्य अधिकारी-कर्मचारियों के क्लेम संबंधित दस्तावेज शासन को भेजे गये हैं। इनमें से अब तक 9 मामलों में 50 लाख रुपए की राशि स्वीकृत हो चुकी है। सांसद ने कौशल विकास से संबंधित विषयों की जानकारी भी ली। अधिकारियों ने बताया कि अभी पांच बैच चल रही हैं। सांसद ने कहा कि कौशल विकास की योजनाओं से जिन लोगों को प्रशिक्षण मिल रहा है उनसे फीडबैक लें। जिन क्षेत्रों में रोजगार की अच्छी संभावनाएं बन रही हैं। ऐसे ट्रेड में प्रशिक्षण को बढ़ावा दें।