दुर्ग ब्रेकिंग : ग्राम खुड़मुड़ा, पाटन ब्लॉक में एक ही परिवार के 4 सदस्यों की हत्या के मामले में परिजनों से मिले मुख्यमंत्री। हादसे में बचे स्वर्गीय बालाराम सोनकर के परिवार के 4 बच्चों की पढ़ाई का खर्च उठाएगी सरकार। एक लाख रुपये फिक्स्ड चार बच्चों के लिए, इनके लालन पालन के लिए एक लाख रुपये परिजनों को।

दुर्ग ब्रेकिंग : ग्राम खुड़मुड़ा, पाटन ब्लॉक में एक ही परिवार के 4 सदस्यों की हत्या के मामले में परिजनों से मिले मुख्यमंत्री। हादसे में बचे स्वर्गीय बालाराम सोनकर के परिवार के 4 बच्चों की पढ़ाई का खर्च उठाएगी सरकार। एक लाख रुपये फिक्स्ड चार बच्चों के लिए, इनके लालन पालन के लिए एक लाख रुपये परिजनों को।
विपक्षी खिलाड़ी के खिलाफ उनके इस बर्ताव को देखकर फैंस हुए नाराज लंदन। ब्रिटेन के पेशेवर मुक्केबाज टायसन फ्यूरी ने डियोनटे वाइल्डर को शिकस्त देकर वर्ल्ड बॉक्सिंग काउंसिल हैवीवेट का खिताब अपने नाम कर लिया है। फ्यूरी ने वाइल्डर को टेक्नीकल नॉक आउट किया। इस जीत के साथ ही टायसन डब्ल्यूबीए, आईबीएफ, डब्ल्यूबीओ, आईबीओ, डब्ल्यूबीसी और द रिंग मैंगजीन टाइटल जीतने वाले मुक्केबाज बन गए हैं। हालांकि टायसन अपनी जीत से ज्यादा रिंग में किए गए अपने बर्ताव के कारण चर्चा में हैं। दरअसल वाइल्डर के खिलाफ मुकाबले में टाइसन ने उन पर पंचों की बारिश करके अधमरा कर दिया था। यहां तक वे विपक्षी खिलाड़ी पर पूरी तरह से हावी रहे। मगर इसके बाद उन्होंने जो किया, उससे फैंस के होश उड़ गए। दोनों खिलाड़ी मुकाबले के दौरान लहूलुहान हो गए थे। वाइल्डर के गर्दन के आस पास काफी खून निकल रहा था, जिसे टाइसन ने चखा। विपक्षी खिलाड़ी के खिलाफ उनके इस बर्ताव को देखकर फैंस नाराज भी हैं। मुकाबले में ब्रिटेन के फ्यूरी ने अमेरिकन चैंपियन वाइल्डर के इरादों को बुरी तरह से चकनाचूर कर दिया। वाइल्डर के बाएं कान से खून निकल रहा था। रैफरी केनी बेलेस ने ये देखकर रुकने के लिए कहा। उसी समय टाइसन ने अपने मुंह से उनका खून चख लिया। मैच के बाद वाइल्डर ने कहा कि आज जो सर्वश्रेष्ठ था, उसने जीत दर्ज की। उन्‍होंने कहा कि उनके कोच ने टॉवेल फेंका था, मगर वह अपने दम पर बाहर जाने के लिए तैयार थे। वाइल्डर ने कहा कि वह एक योद्धा है। मगर हार पर वह कोई बहाना नहीं बनाना चाहते। फ्यूरी 2008 में पेशेवर मुक्केबाजी में आए थे, दरअसल उन्हें 2008 बीजिंग ओलिंपिक में ग्रेट ब्रिटेन का प्रतिनिधित्व करने का मौका नहीं मिला था और वह 2012 लंदन ओलिंपिक तक का इंतजार नहीं कर सकते थे, इसीलिए उसी समय उन्होंने पेशेवर मुक्केबाजी में कदम रखा। वहीं वाइल्डर ने 2008 बीजिंग ओलिंपिक में ब्रॉन्ज मेडल जीता था। इसके बाद वह भी पेशेवर सर्किट में आ गए। विपिन/ ईएमएस/ 24 फरवरी 2020