विनेश फोगाट के मुद्दे पर राज्यसभा में विपक्ष का हंगामा, सभापति ने छोड़ा आसन

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नई दिल्ली । गुरुवार को संसद में राज्यसभा की कार्रवाई शुरू होने के कुछ देर बाद ही सदन में जबरदस्त हंगामा शुरू हो गया। हंगामा इस कदर बढ़ा कि सभापति भावुक हो गए और अपने आसन से उठकर चले गए। आसन छोड़ने से पहले सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा कि मेरे पास केवल एक ही विकल्प है, दुखी मन से, मैं अपनी शपथ से दूर नहीं जा रहा हूं, लेकिन जो आज मैंने देखा है जिस तरह का व्यवहार मेरे साथ किया गया है, शारीरिक रूप से किया गया है, मैं यहां बैठने में अपने आप को सक्षम नहीं पा रहा हूं।
इसके बाद भावुक होकर सभापति सदन से चले गए।
दरअसल कांग्रेस समेत विपक्ष के सांसद भारतीय रेसलर विनेश फोगाट का विषय राज्यसभा में उठाना चाहते थे। सदन में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे इस विषय पर बोलने के लिए खड़े भी हुए लेकिन उन्हें इसकी इजाजत नहीं मिली। इसके बाद विपक्षी सांसदों ने सदन में हंगामा शुरू कर दिया।
मल्लिकार्जुन खड़गे का कहना था कि कल भी हमने यह विषय उठाया था, यह बहुत महत्वपूर्ण विषय है। यह किसी एक खास समुदाय से जुड़ा विषय नहीं है। इस बीच तृणमूल कांग्रेस के सांसद डेरेक ओ ब्रॉयन ने नाराजगी जताते हुए आसन की ओर काफी तेज आवाज में अपना विरोध दर्ज करना शुरू किया। इससे आसन पर मौजूद सभापति जगदीप धनखड़ नाराज हो गए।
उन्होंने तृणमूल कांग्रेस के सांसद डेरेक ओ ब्रॉयन पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि आप चिल्ला रहे हैं। सभापति के आसन की ओर आप कैसे चिल्ला सकते हैं। सभापति जगदीप धनखड़ ने कड़ी नाराजगी जताई। सभापति ने उन्हें चेतावनी दी। सभापति ने कहा कि मैं आपके व्यवहार की निंदा करता हूं। आपका व्यवहार सदन में सबसे गंदा है।
इसके साथ ही उन्होंने डेरेक ओ ब्रॉयन को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि आप अपने बर्ताव में सुधार नहीं लाए तो अगली बार आपको सदन से बाहर निकाल दिया जाएगा। वहीं अपनी नाराजगी व्यक्त करते हुए पूरे विपक्ष ने सदन का बहिष्कार किया और उठकर बाहर चले गए।
तनातनी यहीं समाप्त नहीं हुई। इसके बाद सभापति ने अपनी नाराजगी जताते हुए कहा कि हमने आपातकाल के दौरान लोकतंत्र का काला समय देखा है। सभापति ने कहा कि इन्हें क्या लगता है कि केवल इन्हीं का दिल दुखी है। पूरा देश दुख में है, हमारी लड़की के कारण। पूरा देश इस दुख महसूस कर रहा है। प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति, और मै और सभी लोग इस घटनाक्रम से दुखी हैं। लेकिन इस घटना का लाभ उठाना, इसका राजनीतिकरण करना, विनेश फोगाट का अपमान करने के बराबर है। मैं इस बात से खुश हूं कि हरियाणा राज्य ने विनेश फोगाट को मेडल विनर जैसा सम्मान देने का फैसला किया है।