जिला पंचायत परिसर में बिहान मेले का आयोजन

जिला पंचायत परिसर में बिहान मेले का आयोजन
दक्षिणापथ। अगर आपके बच्चे को अस्थमा है तो कोरोना वायरस आपकी चिंता को दोगुना बढ़ा सकता है। सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन का कहना है कि मध्य से गंभीर अस्थमा के मरीजों को इस वायरस से ज्यादा खतरा है। कोरोना वायरस श्वसन मार्ग को प्रभावित कर सकता है और इससे निमोनिया एवं सांस से जुड़ी बीमारियां हो सकती हैं। इस बात की पुष्टि के लिए कोई डाटा तो उपलब्ध नहीं है, लेकिन इस बात को ध्यान रखना जरूरी है कि हम सभी एक महामारी के दौर से गुजर रहे हैं और हर दिन कुछ नया सीखने और जानने को मिल रहा है। फिलहाल कोविड-19 की कोई वैक्सीन या ट्रीटमेंट नहीं आई है। इस बीमारी के इलाज के लिए कई अध्ययन चल रहे हैं और जब तक ट्रीटमेंट या वैक्सीन नहीं बनती है तब तक बचाव ही एकमात्र रास्ता है। क्या कहते हैं अध्ययन सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन ने शुरुआत में ही कहा था कि दीर्घकालिक लंग डिजीज (जिसमें गंभीर अस्थमा और एलर्जी शामिल है) के मरीजों को स्वस्थ लोगों की तुलना में कोरोना ज्यादा गंभीर रूप से प्रभावित कर सकता है। क्या करें यदि आपके बच्चे को अस्थमा है तो इस महामारी से उसे सुरक्षित रखने के लिए उसे समय पर दवा देते रहें। इसके अलावा डॉक्टर से बात करते रहें और बच्चे की इम्यूनिटी को बढ़ाने के लिए दवाएं एवं अन्य तरीकों के बारे में पूछते रहें। ये उपाय करें अस्थमा से ग्रस्त बच्चों को कोविड-19 से बचाने के लिए आपको कुछ जरूरी सावधानियां बरतनी होंगी, जैसे कि : बच्चे के आसपास धूम्रपान न करें। इसके अलावा अस्थमा को ट्रिगर करने वाले श्वसन संक्रमण, धूल, मिट्टी, प्रदूषण और जानवरों से दूर रहें। बच्च्चे को थोड़ी-थोड़ी देर में हैंड सैनिटाइजर और साबुन से हाथ धोना सिखाएं। भीड़भाड़ वाली जगह जाने से बचें और किसी बीमारी व्यक्ति से भी बच्चे को दूर रखें। बेवजह यात्रा न करें। अगर आपके घर पर कोई बीमार है तो उसे एक अकेले कमरे में छोड़ें । इससे घर में वायरस फैलने का खतरा कम होता है। घर की सफाई में ऐसे कीटनाशक का इस्तेमाल न करें, जो अस्थमा के अटैक को ट्रिगर कर सकता है।