देवकर - बेमेतरा मुख्य मार्ग बना खूनी सड़क…

देवकर - बेमेतरा मुख्य मार्ग बना खूनी सड़क…
गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi) पर चंद्र दर्शन क्यों निषेध है दक्षिणापथ।कहते है हमारे धर्म ग्रंथों के अनुसार भाद्रपद माह की शुक्ल पक्ष की गणेश चतुर्थी Ganesh Chaturthi को चंद्रमा को भूल कर भी नहीं देखना चाहिए। धर्म ग्रंथों में चंद्र दर्शन(Chandra Darshan) उस दिन निषेध माना जाता है। क्योंकि गणेश चतुर्थी Ganesh Chaturthi रात्रि को चंद्र दर्शन करने से मिथ्या / झूठे आरोप लगते हैं। झूठा कलंक लगता है आपके जीवन काल में। गणेश चतुर्थी Ganesh Chaturthi की रात्रि को चंद्र दर्शन Chandra Darshan करने के बारे में हमारे धर्म ग्रंथों में कथाएं बताई गई है।   श्री गणेश जी को बुद्धि का देवता कहा जाता है:- भगवान श्री गणेश जी को बुद्धि का देवता कहा जाता है, जब उनको गज ( हाथी ) का मुख लगाया गया तो वे गजानंद के नाम से तीनो लोको में प्रसिद्द हुए । बहुत ही प्रसिद्द कथा है एक बार गणेश जी और कार्तिकेय के बीच एक शर्त लगी थी । कौन पूरी पृथ्वी का परिक्रमा पहले करता है। और कार्तिकेय जी निकल पड़े पृथ्वी की परिकर्मा करने लेकिन गणेश जी ने इस शर्त में अपने माता-पिता की परिक्रमा कर ली। इस के बाद गणेश जी विजयी हुए उनके इस शर्त को जीतने के फलस्वरूप प्रसन्न होकर भगवान शिव तथा माता पार्वती ने उन्हें वरदान दिया कि उन्हें सभी देवों सर्वप्रथम पूजा जायेगा। जब देवतायों को इस बारे में पता चला तो वह सभी तुरंत गणेश जी की स्तुति के लिए वहां पहुँच गए। उन सभी देवों के साथ चन्द्र देव भी वहां पर पधारे। परन्तु वह गणेश जी की स्तुति के लिए आगे नही आये बल्कि दूर खड़े होकर गणेश जी को देखकर मुस्कुराते रहे। चन्द्र देव को अपने रूप एवं सौन्दर्य का बहुत अभिमान था तथा गणेश जी का गजमुख देखकर उपहास उड़ाने के लिए वह मुस्कुराने लगे। तब भगवान गणेशजी समझ गए कि चंद्रमा अभिमान वश उनका उपहास करता है।इसलिए क्रोध में आकर भगवान गजानन ने चंद्रमा को श्राप दे दिया कि- आज से तुम काले हो जाओगे। बस इस श्राप के बाद चंद्रमा को अपनी भूल का अहसास हुआ। उन्होंने बार बार भगवान श्री गणेश से क्षमा मांगी। तब गणेशजी को दया आ गयी और उन्होंने कहा कि सूर्य के प्रकाश को पाकर तुम एक दिन पूर्ण होगे अर्थात पूरी तरह से प्रकाशित होंगे, लेकिन तुम्हारे मिथ्या अभिमान के कारण आज का दिन तुम्हें दंड देने के लिए सदैव याद किया जाएगा।   गणेश जी ने कहा कि आज के दिन को याद कर कोई भी व्यक्ति अब अपने सौंदर्य पर अभिमान नहीं करेगा। और जो कोई व्यक्ति आज भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी के दिन चन्द्र दर्शन करेगा, तो वह कलंकित होगा, उस पर झूठा आरोप लगेगा। भगवान श्री गणेश जी इसी श्राप के कारण भाद्रपद माह की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को चंद्र दर्शन(chandra darshan) नहीं किया जाता । भाद्रपद माह की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को चंद्र दर्शन(chandra darshan) दोष दूर करने के उपाय भाव निष्कर्ष :- कहते है अहंकार किसी भी बात का हो चाहे धन का, मान का, सौंदर्य का या किसी भी चीज़ का वो हमारे लिए नाश का कारन बनता है। जिसको मिटना है उसे किस बात का अहंकार। रूप रंग सब भगवान की देन है अगर हम किसी का मज़ाक बनाते है इसका ये मतलब है हम सीधा सीधा भगवान का उपहास उड़ा रहे है। ऐसी भूल हमें कभी नहीं करनी चाहिए। क्युकी कोई देखे या न देखे भगवान जरूर देखते है