दक्षिणापथ। गायिका-गीतकार शाल्मली का कहना है कि उन्हें सिर्फ गायिका कहलाना पसंद नहीं है, क्योंकि वह गाना गाने के अलावा भी संगीत के क्षेत्र में कई काम करती हैं। शाल्मली ने कहा, हमेशा से मेरा बड़ा सपना एक संगीतकार बनने का था, इसलिए जब भी कोई मुझे गायक कहता है, तो मैं लगभग उकता जाती हूं। निश्चित तौर पर मैं गाती हूं, लेकिन मैं सिर्फ गाती नहीं हूं उससे ज्यादा काम करती हूं। मैं अपने गीतों को लिखती हूं, उन्हें संगीतबद्ध करती हूं, वोकल अरेंजमेंट करती हूं, ट्रैक प्रोड्यूस करती हू, मैं लाइव कॉन्सर्ट करती हूं। इतना ही नहीं मैंने मराठी फिल्म में संगीत निर्देशक के रूप में हाल ही में काम किया है। मैं यह सब इसलिए कर पाती हूं क्योंकि मैं एक संगीतकार हूं, न कि केवल एक गायक।
अभी वह फॉर यू और रेगुलर जैसे सिंगल के जरिए वह इंडिपिडेंट म्यूजिक की ओर अपने छोटे-छोटे कदम बढ़ा रही हैं।
2012 में आई फिल्म इशकजादे के परेशां गाने से मशहूर हुईं यह कलाकार कहती हैं कि मुझे अपने संगीत कैरियर में केवल पाश्र्वगायिका की बजाय कंपोजर कहलाना ज्यादा पसंद है। शाल्मली मुख्य रूप से दारू देसी (कॉकटेल), बलम पिचकारी (ये जवानी है दीवानी), लत लग गई (रेस 3) और बेबी को बेस पसंद है (सुल्तान) जैसे हिट गानों के लिए जानी जाती हैं। इसके अलावा उन्होंने रुका रुका और कल्ले कल्ले जैसे इंडी गाने भी रिलीज किए हैं।
हिंदी प्रिंट मीडिया के साथ शुरू हुआ दक्षिणापथ समाचार पत्र का सफर आप सुधि पाठकों की मांग पर वेब पोर्टल तक पहुंच गया है। प्रेम व भरोसे का यह सफर इसी तरह नया मुकाम गढ़ता रहे, इसी उम्मीद में दक्षिणापथ सदा आपके संग है। सम्पूर्ण न्यायिक प्रकरणों के लिये न्यायालयीन क्षेत्र दुर्ग होगा।