आज से दो दिवसीय कोलकाता दौरे पर पीएम मोदी, ममता के साथ साझा कर सकते हैं मंच

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स्वास्थ्य कर्मचारी संघ पीड़ित महिला कर्मी के मदद में आया सामने

दक्षिणापथ,दुर्ग । कोरोना संकटकाल में ड्यूटी में सक्रिय रहने के बावजूद स्वास्थ्य विभाग की एक महिला सुपरवाईजर श्रीमती सावित्री यादव का प्रभारी आरएमए द्वारा वेतन काटे जाने का मामला प्रकाश में आया हैं। यह महिला सुपरवाईजर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पेंड़ावन व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र धमधा अंतर्गत पदस्थ हैं। वेतन काटे जाने से महिला सुपरवाईजर मानसिक व आर्थिक रूप से प्रताड़ित हो रही हैं। फलस्वरूप महिला सुपरवाईजर श्रीमती सावित्री यादव ने स्वास्थ्य एवं बहुउद्देशीय कर्मचारी संघ के कार्यकारी प्रांता अध्यक्ष वी. एस. राव के साथ सीएमएचओ डॉ गंभीर सिंह ठाकुर से मुलाकात कर अपनी आप बीती बताई और न्याय की गुहार लगाई हैं। इस दौरान महिला सुपरवाईजर श्रीमती सावित्री यादव की समस्याओं को लेकर स्वास्थ्य एवं बहुउद्देशीय कर्मचारी संघ द्वारा सीएमएचओ को सौंपे गए ज्ञापन में कहा गया है कि कोरोना संकटकाल में लगातार कार्य करने के बावजूद प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पेंडावन की प्रभारी आरएमए जयश्री नागरे द्वारा कई महीनों से सावित्री यादव का लगातार वेतन काटा जा रहा हैं। जिससे सावित्री यादव मानसिक व आर्थिक रूप से परेशान हैं ।
उनका वेतन सितंबर
2020 में 12 दिन, अक्टूबर 20 में 7 दिन, नवंबर 20 में 11 दिन, दिसंबर 20 में 6 दिन, जनवरी 2021 में 7 दिन , मार्च 21 में 21 दिन और अप्रैल 21 में 30 दिन काटा गया हैं। स्वास्थ्य एवं बहुउद्देशीय कर्मचारी संघ के प्रांता अध्यक्ष वी.एस.राव ने बताया कि महिला सुपरवाईजर सावित्री यादव के बच्चे बेरोजगार हैं।श्रीमती यादव का सेवाकाल मात्र 1 वर्ष हैं। ऐसे में वृद्ध महिला स्वास्थ्य कर्मचारी का लगातार वेतन रोकने वाले अधिकारी पर दंडात्मक कार्रवाई की जाए, क्योंकि केंद्र सरकार एवं राज्य सरकार ने सख्त निर्देश पारित किए हैं कि कोरोना संकटकाल में कार्य करने वाले किसी भी अधिकारी व कर्मचारी का 1 दिन का वेतन भी नहीं काटा जाए, परंतु बड़े दुर्भाग्य की बात है कि राज्य में सबसे अधिक कोरोना ग्रसित जिले में कार्य करने वाले स्वास्थ्य कर्मचारियों का इस तरह से वेतन काटकर मानसिक तनाव दिया जा रहा हैं। जो न्यायोचित नहीं हैं।