जिले में आज 10 की मौत, 257 नए कोरोना पॉजिटिव
-अध्यक्ष केके झा ने बीएसपी के डायरेक्टर (इंचार्ज) से नियमों को शिथिल करने कहा
-नए रेट पर काम देने का किया आग्रह
- केंद्र शासन बढ़े दामों पर करें नियंत्रण
-उद्योग विभाग अपनी महती जिम्मेदारी समझे
दक्षिणापथ, भिलाई नगर। एमएसएमई उद्योग संघ, जिला दुर्ग के अध्यक्ष केके झा ने रा मटेरियल की कीमतों में बेतहाशा वृद्धि पर चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि पहले ही कोविड-19 के चलते पिछले 10 माह से एमएसएमई उद्योग जगत हलाकान व परेशान है। ऐसे में रा मटेरियल की कीमतों में बेतहाशा वृद्धि से नीम पर करेला चढ़ा वाली कहावत चरितार्थ हो गई है। उद्योगपतियों ने जिस भाव पर आर्डर लिया था उसमें 40 से 50 प्रतिशत की वृद्धि हो गई हंैं। जिसके चलते उन पर दोहरी मार पड़ रही है। यदि वे माल सप्लाई करते हैं तो उन्हें भारी नुकसान है और यदि ऑर्डर की आपूर्ति नहीं करते हैं तो कोरोना से उबरने एमएसएमई उद्योगों ने जो सेटअप किया है वह पुन: बिगड़ जाएगा।
श्री झा ने कहा कि भिलाई इस्पात संयंत्र आज सबसे बड़ा संयंत्र है और वह नियम कानूनों से बंधा हुआ है इसके बावजूद यहां डायरेक्टर (इंचार्ज ) का पद होने के कारण नियमों में शिथिलता दी जा सकती है। उन्होंने डायरेक्टर (इंचार्ज) अनिवाण दास गुप्ता से आग्रह किया है कि एमएसएमई उद्योगों को राहत के तहत माल आपूर्ति के लिए दबाव ना डाला जाए. यदि माल आपूर्ति में विलंब होता है तो एलडी ना काटा जाए। जो माल सप्लाई हो रहा है उसका सप्ताह के भीतर पेमेंट किया जाए। साथ ही बढ़े हुए रेट पर उद्योगों को ज्यादा से ज्यादा काम दें ताकि वे नए काम को सुचारू रूप से करके उद्योगों को यथास्थिति में ला सकें और पुराने ऑर्डर को भी धीरे-धीरे दे सकें।
श्री झा ने डायरेक्टर इंचार्ज से आग्रह किया कि नए काम के लिए नए रेट पर इंक्वायरी ज्यादा से ज्यादा दें ताकि इंडस्ट्री का काम, सप्लाई, लेबर व स्टाफ डिस्टर्ब ना हों। श्री झा ने उम्मीद जताई कि बीएसपी प्रबंधन हमेशा एमएसएमई के साथ रहा है और उम्मीद करते हैं कि भविष्य में भी साथ रहेगा. श्री झा ने कहा कि इस संबंध में यथाशीघ्र हमारी कमेटी डायरेक्टर(इंचार्ज) दास गुप्ता से मिलेगी और एमएसएमई उद्योग को राहत देने के संबंध में बात करेगी।
बैंक, उद्योगों के प्रति लिबरल हों
श्री झा ने कहा कि ऐसी विषम परिस्थिति में बैंकों का बड़ा रोल होता है. चाहे वह राष्ट्रीयकृत बैंक हो या प्राइवेट. सभी एमएसएमई उद्योगों के लिए लिबरल हो जाएं। यदि किसी को टेंपरेरी लोन या अन्य बैंक सहायता की जरूरत है तो उन्हें तत्काल मुहैया कराया जाए। जो बैंक का ब्याज एवं स्टॉलमेंट है उसके लिए दबाव न डाला जाए। यदि बैंक ऐसा नहीं करते हैं तो एमएसएमई उद्योग बर्बाद हो जाएगा। श्री झा ने कहा कि इस संबंध में वित्त मंत्री को एक पत्र लिखकर अपनी समस्याओं से अवगत कराया जाएगा।
राज्य सरकार बिजली बिल भुगतान में मार्च तक छूट दे
श्री झा ने कहा कि ऐसी परिस्थिति में राज्य सरकार की भी महती जिम्मेदारी बनती है. जिस तरह बिजली का शुल्क दिसंबर तक अनिवार्य रूप से नहीं भुगतान करने की बात हुई है उसी तरह अब इससे आगे बढ़ाकर मार्च तक रिलैक्स दे दिया जाए. साथ ही राज्य सरकार अपने उपक्रम सीएसआईडीसी के माध्यम से यहां की इकाइयों से खरीदी में तेजी लाए। इनके अधिनस्थ जिला उद्योग केंद्र के अधिकारियों से भी अपेक्षा की है कि भूपेश सरकार की नीति एवं कल्चर के अनुरूप ही वे काम करें। सिर्फ कमरे में बैठकर फरमान जारी ना करें। वे लोग जमीन पर आए और उद्योगपतियों से रूबरू होकर जो भी उद्योग हित में हो वैसा काम करें। औद्योगिक संगठनों से बात करें तथा उनकी परेशानियों को समझें।
केन्द्र सरकार बढ़ी कीमतों पर अंकुश लगाए
श्री झा ने इस संबंध में केंद्र शासन से भी आग्रह किया कि अभी उद्योग कोविड- 19 से उबरा नहीं है। जेपीसी के तहत रा मटेरियल की बढ़ी कीमतों पर अति शीघ्र नियंत्रण करें यह उनकी नैतिक जिम्मेदारी बनती है. अन्यथा यहां के एमएसएमई उद्योग पूरी तरह बर्बाद हो जाएंगे।