वन विभाग के छापामार कार्यवाही से लकड़ी तस्कर दहशत में, वन विभाग ने दो घरो मे छापा तीस हजार रूपपे की इमारती लकड़ी जप्त

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Gold-Silver Price today: आज सिर्फ शेयर बाजार में ही नहीं, बल्कि सोने में भी गिरावट देखने को मिल रही है। हालांकि, चांदी की कीमतों में तेजी दर्ज की गई है। सोना करीब 99 रुपये की गिरावट के साथ 46,800 रुपये प्रति 10 ग्राम (Gold price today) के स्तर पर खुला है। इससे पिछले सत्र में सोना 46,899 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर बंद हुआ था। वहीं दूसरी ओर चांदी 135 रुपये की तेजी के साथ 69,507 रुपये प्रति किलो (Silver price today) के स्तर पर खुली है, जो पिछले सत्र में 69,372 रुपये प्रति किलो के स्तर पर बंद हुई थी।

ऑल टाइम हाई से कितना गिर चुका है सोना-चांदी

सोने ने अगस्त के महीने में अपना ऑल टाइम हाई छू लिया था। सोना 56,200 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर तक जा पहुंचा था। तब से अब तक सोना करीब 9400 रुपये सस्ता हो चुका है। चांदी ने भी अगस्त में अपना ऑल टाइम हाई छुआ था और वह 77,840 रुपये प्रति किलो के करीब जा पहुंची थी। तब से अब तक चांदी करीब 8300 रुपये सस्ती हो चुकी है। हालांकि, अगस्त में ही बड़ी गिरावट भी आई और सोना अगस्त महीने में करीब 10 फीसदी तक लुढ़का। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि कोरोना वायरस वैक्सीन की खबरें आने लगी थीं, जिसके चलते लोगों ने फिर से शेयर बाजार समेत बाकी रिस्की प्लेटफॉर्म्स का रुख करना शुरू कर दिया था।

कल सर्राफा बाजार में गिरा सोना, चढ़ी चांदी

राष्ट्रीय राजधानी के सर्राफा बाजार में मंगलवार को सोना नौ रुपए की मामूली गिरावट के साथ 46,900 रुपये प्रति 10 ग्राम पर रहा। एचडीएफसी सिक्योरिटीज के अनुसार, इससे पहले सोमवार को सोना 46,909 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था। चांदी 95 रुपये के लाभ के साथ 69,530 रुपये प्रति किलो ग्राम पर बंद हुई, जिसका पिछला बंद भाव 69,435 रुपये प्रति किलो था। एचडीएफसी सिक्योरिटीज के वरिष्ठ विश्लेषक (जिंस) तपन पटेल ने कहा, ‘‘सोने की वैश्विक कीमत के सीमित दायरे में बने रहने के बीच दिल्ली में 24 कैरेट सोने की हाजिर कीमत में नौ रुपये की मामूली गिरावट आई।’’ अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोना लाभ के साथ 1,821 अमेरिकी डॉलर प्रति औंस हो गया, जबकि चांदी 27.60 डॉलर प्रति औंस पर लगभग अपरिवर्तित रही।

वायदा बाजार में कल क्या रहा सोने का हाल?

मजबूत हाजिर मांग के कारण सटोरियों ने ताजा सौदों की लिवाली की जिससे वायदा कारोबार में मंगलवार को सोना 132 रुपये की तेजी के साथ 47,373 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गया। मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज में अप्रैल महीने में डिलिवरी वाले सोना वायदा की कीमत 132 रुपये यानी 0.28 प्रतिशत की तेजी के साथ 47,373 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गई। इसमें 12,472 लॉट के लिये कारोबार किया गया। बाजार विश्लेषकों ने कहा कि कारोबारियों द्वारा ताजा सौदों की लिवाली के कारण सोना वायदा कीमतों में तेजी आई। हालांकि, अंतरराष्ट्रीय बाजार, न्यूयॉर्क में सोना 0.18 प्रतिशत की गिरावट दर्शाता 1,819.90 डॉलर प्रति औंस चल रहा था।

वायदा बाजार में कल चांदी हुई थी मजबूत

मजबूत हाजिर मांग के कारण कारोबारियों ने अपने सौदों के आकार को बढ़ाया जिससे वायदा बाजार में मंगलवार को चांदी वायदा कीमत 92 रुपये की तेजी के साथ 70,221 रुपये प्रति किलो हो गयी। मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज में चांदी के मार्च महीने में डिलीवरी वाले अनुबंध की कीमत 92 रुपये यानी 0.13 प्रतिशत की तेजी के साथ 70,221 रुपये प्रति किलो हो गयी जिसमें 13,034 लॉट के लिये कारोबार हुआ। बाजार विश्लेषकों ने कहा कि चांदी कीमतों में तेजी आने का मुख्य कारण घरेलू बाजार में तेजी के रुख की वजह से कारोबारियों द्वारा ताजा सौदों की लिवाली करना था। वैश्विक स्तर पर, न्यूयार्क में चांदी की कीमत 1.20 प्रतिशत की तेजी के साथ 27.66 डॉलर प्रति औंस चल रहा था।

सोने को लेकर क्या घोषणा हुई थी बजट में?

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने अपने बजट प्रस्तावों में सोने और चांदी पर आयात शुल्क (import tax) में भारी कटौती की घोषणा की थी। सीतारमण ने सोने और चांदी पर आयात शुल्क में 5 फीसदी की कटौती की है। फिलहाल सोने और चांदी पर 12.5 फीसदी आयात शुल्क चुकाना पड़ता है। इस तरह से अब सोने और चांदी पर सिर्फ 7.5 फीसदी इंपोर्ट ड्यूटी चुकानी होगी। इससे सोने और चांदी की कीमतों में कमी आएगी। वित्त मंत्री ने कहा कि जुलाई 2019 में सोने पर आयात शुल्क 10 फीसदी से बढ़ाकर 12.5 फीसदी किया गया था। इसके चलते सोने के दाम काफी बढ़े हैं। इसे देखते हुए सरकार सोने और चांदी पर सीमा शुल्क को तर्कसंगत बनाएगी। इस घोषणा के बाद सोने-चांदी की कीमतों में गिरावट आएगी। भारत बड़े पैमाने पर सोने का आयात करता है। चीन के बाद भारत सोने का सबसे बड़ा खरीदार है। वित्त मंत्री के इस फैसले से सोने की तस्करी पर भी अंकुश लगेगा। हाल में सोने की तस्करी में तेजी आई है।

2020 में 28 फीसदी महंगा हुआ सोना

2020-28-

ये साल सोने के लिए बहुत ही शानदार (Gold Price in 2020) साबित हुआ है। इस साल अब तक सोने की कीमत करीब 28 फीसदी तक बढ़ी है। अगस्त के महीने में तो सोने-चांदी ने एक नया रेकॉर्ड ही बना दिया था और अपना ऑल टाइम हाई का स्तर छू लिया था। ऐसा नहीं है कि सिर्फ भारत में ही सोने की कीमत बढ़ी है। इस साल वैश्विक बाजार में भी सोना करीब 23 फीसदी महंगा हुआ है। इससे पहले 2019 में भी सोने के दाम में बढ़ोतरी की दर डबल डिजिट में थी, इस बार भी सोने दाम में बढ़ोतरी की दर डबल डिजिट में है।

क्यों बढ़ी इतनी अधिक कीमत

2020 में सोने के दाम में तगड़ी तेजी की वजह कोरोना वायरस रहा, जिसकी वजह से लोग निवेश का सुरक्षित ठिकाना ढूंढ रहे थे। सोने में निवेश हमेशा से ही सुरक्षित रहा है। कोरोना की वजह से शेयर बाजार में लोगों ने निवेश कम कर दिया, क्योंकि शेयर बाजार में निवेश रिस्की होता है। पिछले साल जनवरी-फरवरी में तो सोना धीरे-धीरे बढ़ रहा था, लेकिन मार्च में भारत में कोरोना वायरस की दस्तक के बाद इसने स्पीड पकड़ ली।

क्यों आ रही है सोने में गिरावट?

कोविड-19 महामारी से निपटने के लिए वैक्सीन के मोर्चे पर सकारात्मक खबरों से सोने की कीमतों में गिरावट आ रही है। वहीं अब कोरोना वायरस की वैक्सीन भी आ चुकी है और वैक्सिनेशन की शुरुआत भी हो गई है। ऐसे में निवेशक सोने को छोड़कर शेयर बाजार का रुख कर रहे हैं, जहां कम समय में अधिक रिटर्न पाया जा सकता है। यही वजह है कि निकट भविष्य में सोने की कीमतों में भारी उछाल की संभावना नहीं है। हालांकि, लंबी अवधि के लिए सोना अभी भी निवेश का अच्छा विकल्प माना जा रहा है।

क्या सोना कोरोना काल से पहले की स्थिति में लौट आएगा?

कोरोना वायरस की वजह से शेयर बाजार में एक तगड़ी गिरावट देखने को मिली थी। समय बीतने के साथ-साथ शेयर बाजार उस तगड़ी गिरावट से लगातार उबर रहा है। दुनिया भर के अधिकतर शेयर बाजार कोरोना की वजह से आई गिरावट से मजबूती से लड़ते हुए रिकवर कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर सोना (today gold price) अपना ऑल टाइम हाई छू कर वापस आ चुका है। आए दिन सोने की कीमतों में उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है। अब सवाल ये उठता है कि क्या सोना भी कोरोना काल से पहले वाली स्थिति में लौट आएगा, क्योंकि ये ट्रेंड देखा गया है कि शेयर बाजार मजबूत होता है तो सोना कमजोर होता है और इसका उल्टा भी होता है। तो क्या सोना अभी और सस्ता होगा, क्योंकि जनवरी में सेंसेक्स 41 हजार के करीब था, तब सोने की कीमत भी 41 हजार के करीब थी।

कोरोना काल में सोना बना वरदान

सोना गहरे संकट में काम आने वाली संपत्ति है, मौजूदा कठिन वैश्विक परिस्थितियों में यह धारणा एक बार फिर सही साबित हो रही है। कोविड-19 महामारी और भू-राजनीतिक संकट के बीच सोना एक बार फिर रिकॉर्ड बना रहा है और अन्य संपत्तियों की तुलना में निवेशकों के लिए निवेश का बेहतर विकल्प साबित हुआ है। विश्लेषकों का मानना है कि उतार-चढ़ाव के बीच सोना अभी कम से कम एक-डेढ़ साल तक ऊंचे स्तर पर बना रहेगा। दिल्ली बुलियन एंड ज्वेलर्स वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष विमल गोयल का मानना है कि कम एक साल तक सोना उच्चस्तर पर रही रहेगा। वह कहते हैं कि संकट के इस समय सोना निवेशकों के लिए ‘वरदान’ है। गोयल मानते हैं कि दिवाली के आसपास सोने में 10 से 15 प्रतिशत तक का उछाल आ सकता है।

मुसीबत की घड़ी में हमेशा बढ़ी है सोने की चमक!

सोना हमेशा ही मुसीबत की घड़ी में खूब चमका है। 1979 में कई युद्ध हुए और उस साल सोना करीब 120 फीसदी उछला था। अभी हाल ही में 2014 में सीरिया पर अमेरिका का खतरा मंडरा रहा था तो भी सोने के दाम आसमान छूने लगे थे। हालांकि, बाद में यह अपने पुराने स्तर पर आ गया। जब ईरान से अमेरिका का तनाव बढ़ा या फिर जब चीन-अमेरिका के बीच ट्रेड वॉर की स्थिति बनी, तब भी सोने की कीमत बढ़ी।