रिक्शा चालकों की आर्थिक स्थिति हुई दयनीय, बसों के बंद होने से रिक्शा चालक हुए बेरोजगार

रिक्शा चालकों की आर्थिक स्थिति हुई दयनीय, बसों के बंद होने से रिक्शा चालक हुए बेरोजगार

दक्षिणापथ, दुर्ग। स्पा सेंटरों पर की गई पुलिस कार्यवाही एक-दो दिन से लोगो मे चर्चा का विषय बना हुआ है। पर ऐसे शहरी जो स्पा सेंटरों का मतलब जानते हैं वे पुलिस की इस कारवाई को एकदम वाजिब नही ठहरा रहे है। क्योंकि बहुत सारे लोगो के रोजगार का यह भी माध्यम है। दो दर्जन स्पा में से एक या दो में कुछ गलत कृत्य होना भी यदि पाया जाता है तो बाकि 20-22 पर इसका ठीकरा फोड़ना अनावश्यक है। क्योंकि स्पा में काम करने वाले बहुत सी युवतियां भी अपने मेहनत के दम पर स्वाभिमान से अपना व अपने परिवार का पेट पालना चाहती है। पर हमारा सिस्टम पता नही क्यो, स्पा में काम करने वाले सभी लोगो को गलत ठहराने पर ही तुला होता है। सिक्किम, मिजोरम, मेघालय, मणिपुर, असम जैसे नार्थ ईस्ट के भारतीय राज्यो में बॉडी मसाज एक विकसित तकनीकी विषय है। इन राज्यो में बॉडी मसाज से सम्बंधित मान्यता प्राप्त प्रशिक्षण संस्थाएं कार्यरत है, जो विधिवत इसकी ट्रेनिंग देती है।
यदि किसी कहीं स्पा सेंटर खोल कर गलत कार्यो को अंजाम भी दिया जाता हो, तो भी सिर्फ दोषियों पर ही करवाई होनी चाहिए। न कि एक ही लाठी से सभी को हांक दिया जाए।
स्पा सेंटरो की सेवा लेने वाले लोग बताते है कि बॉडी मसाज से उन्हें आराम मिलता है। कमर व हाथ पैर में दर्द से राहत मिलती है। डाइजेशन सिस्टम में सुधार आता है । यहां तक मानसिक आरोग्य भी मिलता है।
स्पा सेंटरो में होने वाला बॉडी मसाज एक उन्नत विज्ञान है। इससे नावाकिफ समाज को अपनी आंखों से फलत नजरिये का चश्मा उतारना समय का तकाजा है।