सकल दिगम्बर जैन समाज ने आज मनाया मोक्ष कल्याणक दिवस ...

सकल दिगम्बर जैन समाज ने आज मनाया मोक्ष कल्याणक दिवस ...

दक्षिणापथ, बीजापुर । घर-परिवार के कामकाज सहित परिवार की खेती-किसानी के साथ तोयनार की रानी दुर्गावती महिला स्व-सहायता समूह की महिलाएं कुक्कुटपालन कर अंडा उत्पादन को अतिरिक्त आय का जरिया बना चुकी हैं। इस महिला समूह की महिलाएं अपनी उक्त आर्थिक गतिविधि को पूरी लगन एवं मेहनत के साथ कर रही हैं और विगत 8 महीने में ही ढ़ाई लाख रुपए से अधिक का अंडा विक्रय किया है। जिले के बीजापुर ब्लाक अंतर्गत तोयनार में महिला समूह के उत्पादक गतिविधि से जोड़ने के लिए जिला प्रशासन द्वारा एनएमडीसी सीएसआर मद से आर्थिक सहायता उपलब्ध करायी गयी है। जिसके तहत बीव्ही लेयर बर्डस फार्मिंग की 4 यूनिट कुल 200 कुक्कुट, शेड, दाना एवं चारा आदि उपलब्धता के साथ इन महिलाओं को कुक्कुटों की देखरेख का गहन प्रशिक्षण भी दिया गयी है। इसके साथ ही पशुपालन विभाग द्वारा आवश्यक परामर्श निरंतर दी जा रही है। वहीं कुक्कुटों को विभिन्न रोगों से बचाव के लिए टीकाकरण भी किया जा रहा है। रानी दुर्गावती महिला स्व-सहायता समूह की अध्यक्ष सोनमती पोर्तेक बताती हैं कि राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन से जुड़कर उनका समूह कुक्कुटपालन के द्वारा अंडा उत्पादन गतिविधि को बेहतर ढंग से कर रही हैं। समूह के सदस्यों द्वारा घर-परिवार के कामकाज सहित अतिरिक्त उक्त गतिविधि को कर रही हैं। कुक्कुटों की देखभाल उन्हें चारा, पानी देने तथा साफ-सफाई आदि का कार्य पूरी जिम्मेदारी के साथ कर रहे हैं। महिला समूह की सचिव लक्ष्मी कुड़ियम कहती हैं सदस्यों के बीच कार्य को भली-भांति निर्वहन करने के लिए हर दिन दो-दो सदस्यों ने काम को बांट लिया है। यही वजह है कि विगत 6 से 8 माह के दौरान अपने कुक्कुटपालन यूनिट से अंडा का अच्छा उत्पादन हुआ है और अब तक 2 लाख 62 हजार रुपए का अंडा विक्रय कर चुके हैं। उनके समूह द्वारा उत्पादित अंडा को महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा सुपोषण अभियान के लिए सीधे उठाव किया जा रहा है। जिससे अंडा विक्रय के लिए उन्हें किसी भी तरह की दिक्कत नहीं हो रही है। इस महिला समूह की मंगली लेकाम, मंगलदई कुड़ियम एवं महेश्वरी कुड़ियम ने अपनी इस छोटी सी उत्पादक गतिविधि को स्थानीय स्तर पर फायदे का काम बताते हुए इसे निरंतर संचालित कर आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ करने की बात कही। इन महिलाओं ने समूह के द्वारा उत्पादित अंडे को आंगनबाड़ी केन्द्रों पर सुपोषण अभियान में उपयोग करने पर कहा कि यह और भी सराहनीय पहल है कि वे जिले के बच्चों एवं माताओं को सुपोषित करने में योगदान निभा रही हैं।