पूर्व राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी के निधन पर मुख्यमंत्री ने जताया गहरा शोक

पूर्व राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी के निधन पर मुख्यमंत्री ने जताया गहरा शोक

दक्षिणापथ नई दिल्ली (ए)। सरकारी टेलीकॉम कंपनी BSNL ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत विजन को आगे बढ़ाते हुए देश के पहले स्वदेशी 4G नेटवर्क को स्थापित किया है। इस मेड इन इंडिया नेटवर्क को भारतीय तकनीक के माध्यम से तैयार किया गया है। वहीं, इस नेटवर्क पर बीते रविवार को दूरसंचार मंत्री अश्विनी वैष्णव और दूरसंचार सचिव के बीच बातचीत हुई है।
मुफ्त में बांटे जा रहे हैं 4G सिम कार्ड
बीएसएनएल ने स्वदेशी 4G नेटवर्क का विस्तार करने के लिए देश के कई राज्यों में दिसंबर तक मुफ्त में 4G सिम कार्ड बांटने का ऐलान किया है। इसके अलावा कंपनी भारतीय दूरसंचार उपकरण बनाने के लिए चंडीगढ़ में टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज और राज्य द्वारा संचालित दूरसंचार अनुसंधान संगठन सी-डॉट के साथ प्रूफ ऑफ कॉन्सेप्ट (पीओसी) तैयार करेगी। पीओसी का उद्देश्य बीएसएनएल के नेटवर्क में 4G उपकरण स्थापित करना, एकीकृत करना और परीक्षण करना है, ताकि वाणिज्यिक परिनियोजन के लिए इसकी उपयुक्तता स्थापित की जा सके।
सरकार की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि दूरसंचार सचिव के राजारमन, बीएसएनल चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर पी के पुरवार, सी-डॉट के कार्यकारी निदेशक डॉ राजकुमार उपाध्याय और टीसीएस के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ मिलकर पीओसी के प्रदर्शन की समीक्षा करने के लिए चंडीगढ़ का दौरा किया है। बयान में आगे कहा गया है कि 4G कोर उपकरण मनीमाजरा टेलीफोन एक्सचेंज में तैनात हैं। टीसीएस ने चंडीगढ़ में 5 स्थानों पर 4G रेडियो उपकरण भी स्थापित किए हैं। टीसीएस के कोर और रेडियो उपकरण बीएसएनएल के उपकरणों के साथ लगाए गए हैं।
दूरसंचार मंत्री और दूरसंचार सचिव के बीच हुई बातचीत
बीएसएनएल के पहले 4G नेटवर्क के तहत बीते रविवार को दूरसंचार मंत्री अश्विनी वैष्णव और दूरसंचार सचिव के राजारमन के बीच बात हुई है। दूरसंचार मंत्री अश्विनी वैष्णव का कहना है कि इस नेटवर्क को भारत में विकसित किया गया है। इससे प्रधानमंत्री का आत्मनिर्भर भारत विजन तेजी से आगे बढ़ेगा।
आपको बता दें कि हाल ही में केंद्र सरकार ने टेलीकाम सेक्टर में 100 प्रतिशत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश यानी एफडीआइ को मंजूरी दी थी। इसके साथ ही सरकार ने दूरसंचार कंपनियों को स्पेक्ट्रम चार्ज और एजीआर के बकाये पर चार साल का मोरेटोरियम देने का भी निर्णय लिया था।