मुख्यमंत्री ने जिला कलेक्टरों को राष्ट्रीय स्तर की प्रवेश परीक्षा जेईई और नीट में शामिल होने वाले परीक्षार्थियों को परीक्षा केन्द्रों तक ले जाने और वापस लाने के लिए दिए निःशुल्क परिवहन की व्यवस्था करने के निर्देश

मुख्यमंत्री ने जिला कलेक्टरों को राष्ट्रीय स्तर की प्रवेश परीक्षा जेईई और नीट में शामिल होने वाले परीक्षार्थियों को परीक्षा केन्द्रों तक ले जाने और वापस लाने के लिए दिए निःशुल्क परिवहन की व्यवस्था करने के निर्देश
-पहले एक ही तरह की आजीविकामूलक गतिविधियों में लगी रहती थीं महिलाएं, अब दायरा बढ़ रहा तो लाभ भी बढ़ रहा -सीजनल सब्जी उगा रही महिलाएं, एक सीजन में लगभग 80 हजार रुपए आय अर्जित कर रहीं दक्षिणापथ,दुर्ग।जनपद पंचायत धमधा के ग्राम संडी में ग्यारह स्व-सहायता समूह कार्य कर रहे हैं और सुखद संयोग यह है कि सभी अलग-अलग तरह के कार्यों में लगे हैं। इस पर भी और अच्छी बात यह है कि एक ही स्व-सहायता समूह अलग तरह के उत्पाद बना रहा है। इन महिलाओं ने गाँव के गौठान को आजीविकामूलक गतिविधियों के केंद्र के रूप में स्थापित किया है। गौठान की दो एकड़ बाड़ी में इन्होंने पिछले सीजन में फूल गोभी लगाई। यह फसल लगभग तीन महीने रही। चालीस हजार रुपए की लागत आई और लगभग एक लाख बीस हजार रुपए की गोभी इन महिलाओं ने बेची। उन्होंने बताया कि कीड़ा लग जाने की वजह से गोभी की फसल कुछ खराब हुई नहीं तो और बेहतर लाभ अर्जित होता। इस सीजन में वे पत्ता गोभी और कल्याणी प्रजाति की बैंगन के बीज रोप रही हैं। इस तरह साल भर की बाड़ी का प्लान इन महिलाओं का है। अपनी बाड़ी के संबंध में बताते हुए जय माँ लक्ष्मी स्व-सहायता समूह की अध्यक्ष श्रीमती अलिशा बंजारे ने बताया कि हमारी बाड़ी की पूरी सब्जी अहिवारा के बाजार में बिक जाती है। हम लोग जैविक खाद का उपयोग करते हैं जिसकी वजह से इसका रेट भी अच्छा मिलता है। साथ ही हम लोगों ने नैपियर घास भी उगाया है ताकि गांव के पशुओं को अच्छा आहार मिल सके। समूह की सक्रिय महिला सदस्य श्रीमती गंगा बाई निषाद ने बताया कि हम लोगों ने स्वयं को केवल एक गतिविधि तक सीमित नहीं रखा। स्लीपर्स बनाने की मशीन उन्होंने बिहान के माध्यम से लोन में प्राप्त की। अब हर महीने इस मशीन के माध्यम से दस हजार रुपए की कमाई कर लेते हैं। स्लीपर के लिए हमें बाजार की तलाश भी नहीं करनी पड़ती। जिस कंपनी से हमने मशीन खरीद है वही स्लीपर भी खरीद लेती है। हर दिन लगभग सौ स्लीपर बनाकर इसका विक्रय हम कर लेते हैं। गौठान में कार्यरत स्व-सहायता समूह वर्मी खाद का उत्पादन कर रहे हैं। इन्होंने 359 क्विंटल खाद का निर्माण किया है। इसके अलावा गौठान में मुर्गीपालन भी किया जा रहा है। जिला पंचायत सीईओ अश्विनी देवांगन ने बताया कि संडी के गौठान में आजीविकामूलक गतिविधियों का बेहतर काम हो रहा है। अब यहां डबरी में भी मत्स्यपालन की गतिविधियां शुरू की जाएंगी। उल्लेखनीय है कि संडी के गौठान में फलदार पौधे भी रोपित किये गये हैं। शीघ्र ही पौधों के बड़ा होने पर पूरा गौठान फलदार पौधों से गुलजार हो जाएगा।