कोरिया जिले के प्रभारी सचिव श्री दुग्गा ने किया अंतर्राज्यीय बैरियर घुघरी का निरीक्षण

कोरिया जिले के प्रभारी सचिव श्री दुग्गा ने किया अंतर्राज्यीय बैरियर घुघरी का निरीक्षण
ऑस्ट्रेलिया के महान लेग स्पिनर शेन वॉर्न हार्ट अटैक के चलते सिर्फ 52 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कह गए. शेन वॉर्न की अचानक मौत से क्रिकेट जगत में शोक की लहर है. हार्ट अटैक से कम उम्र में मौत के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. ये दिक्कत पुरुषों में ज्यादा देखने को मिल रही है. एक रिपोर्ट बताती है कि महिलाओं के मुकाबले पुरुषों में हार्ट अटैक का खतरा ज्यादा रहता है. यूएस सेंटर्स फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रीवेंशन (सीडीसी) की एक रिपोर्ट के मुताबिक, दिल की बीमारियों के कारण हर साल सबसे ज्यादा मौतें होती हैं. अमेरिका में हर साल करीब 7 लाख 35 हजार लोग हार्ट अटैक का शिकार होते हैं. करीब सवा 5 लाख लोगों का हार्ट अटैक से पहली बार सामना होता है. अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन का दावा है कि महिलाओं की तुलना में पुरुषों में हार्ट अटैक का खतरा ज्यादा रहता है. साल 2016 में जामा इंटरनल मेडिसिन में प्रकाशित नॉर्वे की ट्रोम्सो स्टडी के अनुसार, उम्र के कुछ खास पड़ाव पर पुरुषों में हार्ट अटैक का खतरा महिलाओं से करीब दोगुना ज्यादा रहता है. इसका पता लगाने के लिए शोधकर्तओं ने करीब 34,000 पुरुषों-महिलाओं की हेल्थ को मॉनिटर किया. साथ ही 1979 से 2012 तक हार्ट अटैक का अनुभव करने वाले करीब 2,800 लोगों पर भी नजर रखी. कोलेस्ट्रोल लेवल, हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, हाई बॉडी मास इंडेक्स और फिजिकल एक्टिविटी को बारीकी से देखने के बाद शोधकर्ताओं ने पाया कि जोखिम के ये तमाम कारक हार्ट अटैक में बड़े जेंडर गैप की जानकारी नहीं देते हैं. तो फिर क्या कारण है कि महिलाओं के मुकाबले पुरुषों में हार्ट अटैक का खतरा ज्यादा रहता है? महिलाओं को बचाता है एस्ट्रोजन जॉन होपकिंस सिकारॉन सेंटर फॉर दि प्रीवेंशन ऑफ हार्ट डिसीस के क्लीनिकल रिसर्च डायरेक्टर माइकल जोसेफ ब्लाहा कहते हैं कि महिलाओं के मुकाबले पुरुष करीब 10 साल पहले हार्ट अटैक का अनुभव कर सकते हैं. एक्सपर्ट का कहना है कि पुरुषों में हार्ट अटैक का जोखिम 45 साल की उम्र में बढ़ जाता है. जबकि महिलाओं में 55 साल के बाद इसकी संभावना अधिक हो जाती है. दरअसल मेनोपॉज से पहले महिलाओं का एथेरोस्क्लेरोसिस से ज्यादा बचाव होता है. एथेरोस्क्लेरोसिस एक ऐसी कंडीशन है जब धमनियों में प्लेक डिपॉजिट (फैटी डिपॉजिट) जमा होने से हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है. मेनोपॉज के साथ क्या बदलाव आता है? क्लीवलैंड क्लीनिक के मुताबिक, मेनोपॉज के बाद महिलाओं में एस्ट्रोजन हार्मोन का स्तर गिरना शुरू हो जाता है. एक्सपर्ट्स ऐसा मानते हैं कि हाई प्री-मेनोपॉज़ल एस्ट्रोजन लेवल के कारण ही महिलाओं का हार्ट अटैक से बचाव होता है. यही कारण है कि पुरुषों की तरह महिलाएं 45 साल की उम्र में हार्ट अटैक का शिकार नहीं होती हैं. हालांकि ट्रोम्सो स्टडी में एस्ट्रोजन की थ्योरी को सपोर्ट करने वाले साक्ष्य नहीं मिले हैं. अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के मुताबिक, मेनोपॉज पर पहुंचने के बाद भी महिलाओं में हार्ट अटैक का खतरा पुरुषों की तुलना में कम ही रहता है