मुख्यमंत्री श्री बघेल ने अनुपम नगर चौक में नवनिर्मित शेड का किया लोकार्पण

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दक्षिणापथ। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के माध्यम से हम लगातार आपको इस बात की जानकारी दे रहे हैं कि विटमिन-ए, विटमिन-सी और विटमिन-डी अगर आपके शरीर में पर्याप्त मात्रा में हैं तो इस बात की संभावना बहुत कम होती है कि कोरोना वायरस आपके शरीर पर हावी हो पाए। लेकिन विटमिन्स के सेवन का यह अर्थ बिल्कुल नहीं है कि आप पूरी जानकारी जुटाए बिना अपने मन से इनका सेवन शुरू कर दें ... बीमार कर रहा है विटमिन्स का अधिक सेवन विटमिन्स आपकी इम्युनिटी को बनाए रखने का काम करती हैं। लेकिन दिल्ली सहित देश के अलग-अलग डॉक्टर्स के पास इस समय जो पेशंट्स आ आ रहे हैं, उनमें ऐसे मरीजों की संख्या अधिक है, जो अधिक मात्रा में विटमिन्स के सेवन के कारण सेहत संबंधी समस्याओं से जूझ रहे हैं... लाभ से अधिक हानि की आशंका कोरोना के संक्रमण से बचने के लिए लोग बड़ी मात्रा में विटमिन्स का सेवन कर रहे हैं। आइए, यहां जानते हैं कि विटमिन्स का अधिक सेवन करने पर प्रारंभिक स्तर पर शरीर में किस तरह की समस्याएं देखने को मिलती हैं और अगर लंबे समय तक अधिक मात्रा में इनका सेवन किया जाए तो किस विटमिन के अधिक खाने से कौन-सी बीमारी हो सकती है... विटमिन्स की अधिक खरीदारी है भारी हमने हेल्थ एक्सपर्ट्स से यह समझने की कोशिश की कि आखिर अधिक मात्रा में विटमिन्स के सेवन से किस तरह की समस्याएं होती हैं। क्योंकि आजकल लोग विटमिन-ए, विटमिन-सी और विटमिन-डी का भरपूर मात्रा में सेवन कर रहे हैं। शहर के अलग-अलग मेडिकल स्टोर्स पर इन विटमिन की गोलियां खरीदनेवालों की बड़ी संख्या पहुंच रही है। बढ़ रही हैं इस तरह की समस्याएं -विटमिन्स के अधिक उपयोग को लेकर हमने ना केवल अलग-अलग डॉक्टर्स से बात की बल्कि अलग-अलग पेथी से जुड़े डॉक्टर्स से यह भी जाना कि उनके पास इस समय जो मरीज आ रहे हैं, उनमें इन विटमिन्स के अधिक सेवन के कारण किस तरह की समस्याएं देखने को मिल रही हैं? इस बारे में होम्योपेथी के डॉक्टर चरनजीत सिंह का कहना है कि पेट में जलन, गले में रूखापन और थकान की समस्या से ग्रसित लोग अधिक आ रहे हैं। इनकी शिकायत होती है कि हम तो हेल्दी खाना खा रहे हैं, विटमिन्स का सेवन कर रहे फिर थकान क्यों रहती है? -तब इनकी दिनचर्या के बारे में पता कर इनकी डायट और विटमिन्स की डोज से जुड़ी जानकारी लेने के बाद हम इन्हें विटमिन्स की सही मात्रा के बारे में बताते हैं और तुरंत राहत के लिए कुछ जरूरी दवाएं देते हैं। वैसे विटमिन्स की प्राप्ति के लिए जो लोग अधिक मात्रा में अलग-अलग सप्लिमेंट्स का उपयोग कर रहे हैं, जब वे ऐसा करना छोड़ देते हैं तो दो-तीन दिन बाद ही उनकी स्थिति में सुधार होने लगता है। विटमिन-ए की अधिकता से होता है यह नुक्सान -आयुर्वेदाचार्य वैद्य सुरेंद्र सिंह कहते हैं कि विटमिन-ए आंखों की सेहत और रेटिना को हेल्दी बनाए रखने में बहुत सहायक होता है। यह हमारी आंखों की नर्व्स में फैट को जमा नहीं होने देता और कोशिकाओं को लंबे समय तक स्वस्थ रखता है। इससे हमारी आंखों की रोशनी बनी रहती है। -लेकिन यह विटमिन ऐंटिऑक्सीडेंट के रूप में भी काम करता है। आप इसकी प्राप्ति खाद्य पदार्थों द्वारा करेंगे, तब तो यह शरीर को इस तरह की हानि नहीं पहुंचाता है लेकिन यदि सप्लिमेंट्स के माध्यम से आप विटमिन-ए की ओवरडोज लंबे समय तक लेते रहते हैं तो आंखों को स्वस्थ रखनेवाला यह तत्व आंखों को नुकसान पहुंचा देता है। विटमिन-सी की अधिकता से होनेवाली दिक्कत अभी ज्यादातर लोग विटमिन-सी की प्राप्ति के लिए खट्टे फलों का सेवन किया करते थे। लेकिन अब बड़ी मात्रा में इसकी टैबलेट्स ले रहे हैं। यह बात सही है कि यह विटमिन हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। -इम्यून सेल्स और खासतौर पर वाइट ब्लड सेल्स काउंट बढ़ाने में विटमिन-सी सहायक है। लेकिन गोलियों के माध्यम से अधिक मात्रा में लंबे समय तक इसका सेवन पेट में दर्द बने रहना, उल्टी, दस्त होना जैसी समस्याओं का कारण बन जाता है। अगर स्थिति अधिक गंभीर हो तो गुर्दे की पथरी भी हो सकती है। विटमिन-डी की अधिकता से समस्या आमतौर पर इस तरह के केस कम देखने को मिलते हैं, जिनमें मरीज को कोई दिक्कत विटमिन-डी की अधिकता के कारण हुई हो। क्योंकि आमतौर पर पूरी दुनिया के लोगों में इस विटमिन की कमी ही पाई जाती है। खासतौर पर हमारे देश की महिलाओं और सिटिंग जॉब करनेवाले उन लोगों में जो सनलाइट में बिल्कुल नहीं रहते हैं। -लेकिन फिर भी अगर कोई व्यक्ति सप्लिमेंट्स के जरिए विटमिन-डी का अधिक मात्रा में सेवन करता रहता है तो उसे मांसपेशियों में अकडऩ, दर्द या किडनी स्टोन जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए यह बात बहुत जरूरी है कि आप विटमिन्स का सेवन भी अपने चिकित्सक की देखरेख में करें। ताकि सही डोज से आपको केवल लाभ हो। स्किन की सुंदरता के लिए ई का सेवन -कुछ साल पहले अमेरिकन हार्ट असोसिएशन द्वारा विटमिन-ई के शरीर पर प्रभाव से जुड़ी एक स्टडी में यह बात सामने आई थी कि यदि विटमिन-ई का अधिक मात्रा में सेवन किया जाए तो 3 से 4 साल के अंदर इसका बुरा असर आंखों की रोशनी पर दिखाई पड़ता है।