बाढ़ के बाद संक्रमण बीमारियों के ख़तरे को देखते हुए प्रभावित क्षेत्र में मेडिकल शिविर लगाने के दिए निर्देश

- राजस्व अधिकारियों को क्षति का सही आंकलन करने कहा
बेमेतरा । पिछली 14-15 तारीख़ को पूरे बेमेतरा ज़िले और आसपास के ज़िलों में भारी बारिश के कारण नदियों का जल स्तर बढ़ गया। जिससे नदी किनारे बसे कई ग्रामों में जल भराव की समस्या उत्पन्न हो गई है। इसके परिणामस्वरूप, यातायात पर बाधा आई है और बिजली सेवा में भी प्रभावित हुई हैं। अब स्थित धीरे.धीरे सामान्य हो रही है।बाढ़ के पानी से राहत शिविरों में सुरक्षित पहुँचाए गए लोग अपने ठिकानों पर पहुँचाने लगे है।तहसीलदार,सीईओ जनपद,पीएचई,खाद्य,पशु चिकित्सा विभाग के विकासखंड के अधिकारी अपने-अपने क्षेत्रों में जाकर स्थिति का आकलन कर रहे है ।केशला ग्राम में अधिकारियों ने ग्रामीणों से रू-ब-रू चर्चा कर जानकारी ली।
ज़िले के कलेक्टर पी.एस. एल्मा अधिकारियों और लोगों से सतत संपर्क बनाये हुए है। प्रभावित ग्रामों का खुद निरीक्षण कर राहत पहुँचाने के अधिकारियों को निर्देश भी थे रहे है। प्रशासनिक दल भी राहत काम काम में जुटा हुआ है। ज़िले भारी बारिश के चलते प्रशासन को संक्रमण व बीमारियां को लेकर कलेक्टर श्री एल्मा ने उन्होंने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को डाक्टरों की टीम व स्वास्थ्य अमला सहित ज़िला प्रशासन के अधिकारी-कर्मचारी प्रभावित क्षेत्रों, गांव में मेडिकल शिविर लगाने के निर्देश पहले ही दे दिए है । सीएमएचओ डॉ.जी.एल टंडन ने बताया कि मितानिन भी घर-घर जाकर ग्रामीणों से स्वास्थ्य संबंधी जानकारी ले रही हैं। पशु चिकित्सा की टीम भी मवेशियों का उपचार कर रही है ।राशन सामग्री वितरण और पेयजल की ज़रूरत अनुसार मुहैया कराया जा रहा है।अधिकारी ग्रामीणों से चर्चा कर स्थिति की जानकारी ले रहे है।
कलेक्टर ने स्वास्थ्य अमले को निर्देशित किया है कि जहां-जहां बाढ़ का पानी आया था वहां विशेष सावधानी बरते । क्योंकि इन जगहों पर बीमारियां फैलने की आशंका ज्यादा होती है। एहतियातन इन गांवों में स्वास्थ्य विभाग मेडिकल शिविर लगे है । ऐसे हालात में सामान्य तौर पर लोगों को एलर्जी बच्चों को उल्टीए दस्त की समस्या बुजुर्गों में और महिलाओं में पैरो में दर्द की समस्या देखने को मिलती है । मेडिकल शिविर में मरीज़ों की जांच कर दवाइयां दी जा रही हैं। ज़िला प्रशासन के अधिकारी बाढ़ प्रभावित गांव में जाकर क्षति का आंकलन कर रहे है।
प्रभावित इलाक़ों से बाढ़ का पानी अब उतरने लगा है हालांकि इससे पहले बाढ़ के पानी ने कई जगह फसलें खराब होने की संभावना हो सकती है। पूर्व अनुभवों को देखते हुए प्रशासन की सतर्कता के चलते नदी.नालों के किनारेए नज़दीक ग्रामीणों को समय रहते सुरक्षित शिविरों में शिफ्ट कर दिया था ।इस कारण जनहानि की शिकायत नहीं आयी । निवासियों ने पहले से ही मवेशियों को भी सुरक्षित जगह पहुँचा दिया था या उन्हें खुला छोड़ दिया था।। आंशिक कच्चे मकानों को नुकसान हुआ पर अब राहत की खबर है कि बाढ़ का पानी सूख रहा है।