बैंक को गंभीर आर्थिक नुकसान पहुंचाने का आरोप के मामले में सहकारी बैंक के पूर्व अध्यक्ष प्रीतपाल बेलचंदन की अग्रिम जमानत खारिज

बैंक को गंभीर आर्थिक नुकसान पहुंचाने का आरोप के मामले में सहकारी बैंक के पूर्व अध्यक्ष प्रीतपाल बेलचंदन की अग्रिम जमानत खारिज
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-दुर्ग कोतवाली पुलिस ने 2021 में दर्ज किया था मामला
दुर्ग।  जिला सहकारी बैंक के पूर्व अध्यक्ष प्रीतपाल बेलचंदन को कोर्ट से भी राहत नहीं मिल पाई। अपर सत्र न्यायाधीश शैलेश कुमार तिवारी ने  उनकी अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी। मामला जिला सहकारी बैंक को गंभीर आर्थिक नुकसान पहुंचाने का है। दुर्ग सिटी पुलिस ने 2021 में कलेक्टर दुर्ग के ज्ञापन के आधार पर 6 मार्च 2021 को जिला सहकारी बैंक के अध्यक्ष प्रीतपाल बेलचंदन के खिलाफ जुर्म पंजीबद्ध किया था। इस संबंध में मिली जानकारी के अनुसार जिला सहकारी बैंक के पूर्व अध्यक्ष प्रीतपाल बेलचंदन ने अधिवक्ता मनीष उपाध्याय के माध्यम से अपर सत्र न्यायाधीश शैलेश कुमार तिवारी के कोर्ट में आग्रिम जमानत के लिए आवेदन प्रस्तुत किया था। राज्य शासन की ओर से अपर लोक अभियोजक सत्येंद्र सिंह ने इस मामले में पैरवी की। 
जमानत आवेदन में बताया गया कि धारा 409, 420, 467, 468, 471 व 34 के तहत प्रीतपाल बेलचंदन ग्राम तिरंगा जिला दुर्ग के खिलाफ जुर्म पंजीबद्ध है। उपरोक्त अपराध दर्ज होने के पश्चात 2 वर्ष से अधिक समय व्यतीत हो के बाद भी कोतवाली थाना दुर्ग द्वारा जांच नहीं की गई है। इससे यह प्रतीत होता है कि आवेदक प्रीतपाल बेलचंदन को परेशान करने की नियत से अपराध दर्ज किया गया है। जमानत आवेदन में यह भी बताया गया कि उच्च न्यायालय द्वारा 12 मई 2021 को आवेदक प्रीतपाल बेलचंदन के पक्ष में आदेश पारित किया गया है जो 9 जून 2021 तक प्रभावशील है। आवेदक पूर्व में जिला सहकारी केंद्रीय बैंक दुर्ग के अध्यक्ष पद कार्यरत रहा है। जमानत आवेदन में यह कहा गया है कि आरोपी द्वारा कोई अपराध नहीं किया गया है।
केस डायरी के अनुसार जिला सहकारी केंद्रीय बैंक मर्यादित, दुर्ग के पूर्व अध्यक्ष प्रीतपाल बेलचंदन एवं निर्वाचित संचालक मंडल के सदस्यों के विरूद्ध प्राप्त शिकायतों के आधार पर जांच टीम का गठन कलेक्टर के आदेश 27 अक्टूबर 2020 के माध्यम से किया गया। जिसमें बिरेन्द्र बहादुर पंचभाई, अपर कलेक्टर, विनोद कुमार बुनकर उप पंजीयक सहकारी संस्थायें, अजय कुमार, अंकेक्षण अधिकारी उप पंजीयक सहकारी संस्थायें एवं ए.केसिंह, सहकारिता निरीक्षक, उप पंजीयक सहकारी संस्थायें के संयुक्त टीम के व्दारा जांच की गई। उक्त टीम के व्दारा जांच किये जाने पर यह तथ्य सामने आया कि, जिला सहकारी केंद्रीय बैंक मर्यादित, दुर्ग के पूर्व अध्यक्ष प्रीतपाल बेलचंदन एवं निर्वाचित संचालकों के व्दारा अपनी पदस्थापना कार्यकाल 12 जून 2015 से 11 जून 2020 के मध्य लोकसेवक के दायित्व का निर्वहन करते हुये 8 अप्रैल 2014 से 12 मई 2020 के मध्य पंजीयक सहकारी संस्थायें छग से बिना अनुमति के 234 प्रकरणों में 13 करोड़ 13 लाख 50 हजार की अनुदान राशि तथा  5 अगस्त 2016 से 12 जून 2019 तक की अवधि में एकमुश्त समझौता योजना में 186 प्रकरणों में छूट प्रदान कर 1 करोड़ 75 लाख 61 हजार की राशि, इस प्रकार कुल राशि 14 करोड़ 89 लाख 11  हजार रूपये का अपने अधिकार क्षेत्र में न होते हुये भी बोर्ड के सदस्यों द्वारा एक राय होकर उक्त योजनाओं को लागू किया गया जिससे बैंक को आर्थिक क्षति हुई। जांच में तथ्य सही पाये जाने पर कलेक्टर, दुर्ग के ज्ञापन  6 मार्च 2021 के परिपालन में अपराध धारा 409, 420, 467, 468, 471, 34 भारतीय दंड संहिता दर्ज किया गया है तथा प्रकरण में विवेचना जारी है।