परम्परागत व्यवसाय को लाभकारी बनाना है, चाहे वह शिक्षा, रोजगार एवं स्वास्थ्य के क्षेत्र में हो-मुख्यमंत्री भूपेश बघेल
- श्री बघेल जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के लोकार्पण एवं भूमिपूजन में हुए शामिल
दुर्ग। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज बटन दबाकर जिला सहकारी केंद्रीय बैंक का लोकार्पण एवं भूमिपूजन किया। कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के मुख्यालय भवन के निर्माण का आज भूमिपूजन किया गया। इससे सहकारी बैंकों का कामकाज ज्यादा व्यवस्थित तरीके संचालित हो सकेगा। 25 आरआईडीएफ गोदामों के लोकार्पण के साथ ही जिले की भंडारण क्षमता में वृद्धि होगी। 7 एटीएम के लोकार्पण से बैंकिंग के क्षेत्र में जन-सुविधाओं का विस्तार होगा। बीते पौने पांच वर्षों में छत्तीसगढ़ में कृषि और ग्रामीण विकास के मामले में सहकारिता क्षेत्र का बड़ा योगदान रहा है। श्री बघेल ने कहा कि परम्परागत व्यवसाय को लाभकारी बनाना है, चाहे वह शिक्षा, रोजगार एवं स्वास्थ्य के क्षेत्र में हो सभी क्षेत्रों में कार्य किया जा रहा है।
सहकारी बैंकों की भागीदारी और सहकारिता की ताकत से केवल पौने पांच वर्षों में हमने जो परिणाम हासिल किए हैं, आज वे देश में उदाहरण बन रहे हैं। चाहे वह किसानों के विकास की बात हो, ग्रामीण अर्थव्यवस्था के सुदृढ़ीकरण का विषय हो, हर क्षेत्र में सफलता मिली है। सहकारिता के माध्यम से ही हम छत्तीसगढ़ में ज्यादा से ज्यादा रोजगार के अवसर निर्मित करने में सफल रहे हैं।
राज्य में किसानों को सीधा लाभ पहुंचाने वाली राजीव गांधी किसान न्याय योजना के अंतर्गत पौने पांच वर्षों में हमने 20 हजार करोड़ रुपए से अधिक की इनपुट सब्सिडी का भुगतान सहकारी बैंकों के माध्यम से किया है। राजीव गांधी किसान न्याय योजना लागू होने से हर साल धान का उत्पादन और खेती का रकबा बढ़ा है। हर साल हमने धान खरीदी का नया रिकॉर्ड बनाया है। पिछले साल हम लोगों ने 107 लाख 53 हजार मीटिरक टन धान की खरीदी की। धान खरीदी की सीमा 15 क्विंटल प्रति एकड़ से बढ़ाकर 20 क्विंटल प्रति एकड़ कर दी गई है। कोदो-कुटकी-रागी को भी राजीव गांधी किसान न्याय योजना के दायरे में शामिल करते हुए, उनकी भी खरीदी वनोपज सहकारी संघ के माध्यम से की जा रही है।
छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य है जिसने गोधन न्याय योजना के माध्यम से 2 रुपए किलो में गोबर की खरीदी शुरु की और महिला स्व सहायता समूहों के माध्यम से उससे जैविक खाद का निर्माण शुरु किया। हम 04 रुपए लीटर में गौमूत्र भी खरीद रहे हैं। प्रतिदिन दूध उत्पादन बढ़ता जा रहा है। पशुधन के संरक्षण और संवर्धन के लिए छत्तीसगढ़ के गांव-गांव में गौठानों का निर्माण किया गया है। गोधन न्याय योजना का संचालन इन्हीं गौठानों के माध्यम से किया जा रहा है।
मछली पालन और लाख पालन को भी कृषि का दर्जा दे दिया है। आम किसानों की तरह मछली पालक और लाख पालक किसान भी अब शून्य प्रतिशत ब्याज पर कृषि ऋण और रियायती बिजली जैसी सुविधाओं का लाभ उठा रहे हैं। हमने सहकारिता के माध्यम से अपनी अर्थव्यवस्था की दिशा में बदलाव लाने में भी सफलता प्राप्त की है। जो अर्थव्यवस्था पहले शहरों से गांवों की ओर बहती थी, आज वह गांवों से शहरों की ओर बह रही है। दूध का उत्पदान बढ़ाने से लेकर धान का उत्पादन बढ़ाने और नये रिकार्ड कायम करने में हमें सफलता मिली है।
बैंकिंग सुविधाओं का विस्तार और ग्रामीण विकास एक दूसरे से सीधे जुड़े हुए हैं। पौने पांच सालों में हमने लगातार बैंकिंग सुविधाओं का विस्तार किया है। किसान भाइयों को उनके घर और गांव के करीब ही आहरण और भुगतान की सुविधाएं उपलब्ध कराने की कोशिश की है। इससे किसान भाइयों के समय और पैसे की बचत हो रही है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने दुर्ग जिले के सभी निवासियों को स्वतंत्रता दिवस की अग्रिम बधाई और शुभकामनाएं दी।
इस अवसर पर स्कूल शिक्षा एवं सहकारिता मंत्री रविन्द्र चौबे ने कहा कि यह खुशी की बात है कि जिले में बैंक मुख्यालय भवन का निर्माण हो रहा है। बैंक के माध्यम से किसानों का काम हो रहा है। बैंक के माध्यम से किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार आया। उनका स्वाभिमान उठा है। पांच सालों में किसानों के थैले में एक लाख 75 हजार करोड़ रूपए किसानों की थैली में डाले हैं।
कार्यक्रम में सहकारिता मंत्री रविन्द्र चौबे, गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू, आवास एवं पर्यावरण मंत्री मोहम्मद अकबर, जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित दुर्ग प्राधिकृत अधिकारी राजेन्द्र साहू एवं अन्य अधिकारी एवं जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।