मिल पारा नई पानी टंकी से बह रहा झरना, कहां खप गए दो करोड़, भ्रष्टाचार की जीवंत बानगी!

दक्षिणापथ, दुर्ग। अमृत मिशन के तहत दुर्ग शहर में बनाये गए पानी टँकीयो का यह हाल है कि आरंभिक ट्रायल को भी वे झेल नही पाए। पानी भरने पर झरने की तरह धार बहना शुरू हो गया।  विगत 22 अप्रैल को इसी पानी टँकी का लोकार्पण मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने किया था। 
मिलपारा गंज मंडी के पीछे नवनिर्मित अमृत मिशन की पानी टँकी दुर्ग की सबसे बड़ी है। इसमें दरारें ही दरारे है, पानी झरना जैसे  बह रहा है। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने 22 अप्रेल को इसका लोकार्पण किया था। किंतु आज तक उस टँकी से पानी सप्लाई नही हो सकी है । बल्कि भ्रष्टाचार की जीवंत बानगी सुना रही है।  गुणवत्ता बेहद घटिया क्वालिटी का हैं । वार्ड पार्षद नीता जैन ने इस मामले पर श्चद्वश तक शिकायत करने की बात कही है।


मालूम हो कि शहरों के विकास के लिए केंद्र सरकार ने वर्ष 2015 में अमृत योजना की शुरूआत की थी। इस योजना का उद्देश्य प्रत्येक घर को पाइप लाइन द्वारा जलापूर्ति एवं सीवर कनेक्शन उपलब्ध कराना है। योजना के तहत दुर्ग में कुल छ: टंकियो का निर्माण किया गया है। जिसमे 3400 केएल क्षमता वाला मिलपारा का यह टँकी सबसे बड़ा है। दुर्ग नगर निगम इस निर्माण कार्य की मुख्य एजेंसी है। 
टँकी में जब पानी भरा गया तो दर्जनों दरारों से झरने के रूप में गिरता पानी घटिया दर्जे के निर्माण कार्य का पोल खोल रहा है। इस टँकी के निर्माण में 2 करोड़ रु से ज्यादा लागत आई है, पर पता नही निर्माण एजेंसी ने वे दो करोड़ रुपये कहाँ खपा दिए। मिलपारा की यह पानी टँकी निगम अफसरों व नगर विधायक के भ्रष्टाचार मुक्त निर्माण कार्यो की हकीकत बयां करता है।

क्षेत्र के लोगो को इस पानी टँकी से बड़ी उम्मीदें थी। उन्हें लग रहा था कि अब नलों के जरिये उनके घर तक पेयजल पहुंचेगा। किंतु निगम ने लाखों जन उम्मीदो पर कुठाराघात कर दिया। करोड़ो रूपये गए सो अलग। शहर को टैंकर मुक्त बनाने की परिकल्पना को बड़ा झटका लगा है। साथ ही ईमानदारी की दुहाई देकर सत्ता की मलाई चाट रहे जनप्रतिनिधियों की कारगुजारियां भी सबके सामने आ गई है। दुर्ग नगर निगम व शहरी प्रशासन आज भी जनहित के बड़े मसलों पर किस कदर कमीशनखोरी में डूबा हुआ है, इससे बड़ा उदाहरण दूसरा कोई नही हो सकता। जब पानी टँकी जैसे मूलभूत जरूरतों का यह हाल है तो अंदाज़ लगाना मुश्किल नही की अन्य निर्माण कार्यो के अंदरखाने में क्या क्या होता होगा। बहरहाल, अमृत मिशन एक राष्ट्रीय कार्यक्रम है, जिसके तहत शहर का गरीब आदमी तक समुचित जलापूर्ति सुनिश्चित करना है। वार्ड पार्षद नीता जैन ने इसकी शिकायत प्रधानमंत्री कार्यालय में करने की तैयारी कर ली है।